980 ग्राम वजनी प्रीमेच्योर बेबी वृन्दा को
पीएमसीएच में मिला नया जीवन
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उदयपुर,5 नबम्वर। उदयपुर के बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में प्रीमेच्योर बेबी वृन्दा की गैस्ट्रिक पर्फाेरेशन की सफल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया तीन पीढ़ियों में जन्मी पहली बच्ची की इस सर्जरी में बाल एवं नवजात शिशू सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर,ऐनेस्थिशिया विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य,डॉ.कृष्णगोपाल,डॉ.अनिल,विष्णु एवं संजय की टीम का सहयोग रहा।
दरअसल बच्ची की माँ को गर्भावस्था के दौरान हाई बी.पी. की शिकायत के चलते समय से पहले डिलिवरी करानी पड़ी। बेबी वृद्धा का जन्म समय से पूर्व हो गया। जन्म के समय बच्ची का वजन 1.140 ग्राम था। बच्ची के कम वजन और समय से पूर्व पैदा होने की वजह से उसे गहन चिकित्सा विभाग (आईसीयू) में रखा हुआ था।
पांचवे दिन बच्ची की हालत बहुत ही ज्यादा नाजुक हो गयी। परिजनों बच्ची को तुरन्त भीलवाड़ा से पेसिफिक हॉस्पिटल भीलों का बेदला लेकर आए। बच्ची को तुरन्त वेन्टिलेटर पर लेकर जॉच की तो पता वला कि बच्ची की ऑत फट गई है और आमाशय लगभग आधे से ज्यादा सड गया था,जिसका कि ऑपरेशन द्वारा इलाज सम्भव था। ऐसी स्थिति में अगर तुरन्त ऑपरेशन नहीं किया जाए तो कुछ ही घण्टों में मृत्यु हो सकती है।
बाल एवं नवजात शिशू सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर ने बताया कि नवजात शिशु में गैस्ट्रिक पर्फाेरेशन एक दुर्लभ लेकिन जीवन-घातक स्थिति है। यह जन्म के पहले कुछ दिनों में होने की सबसे अधिक संभावना है
ऑपरेशन के बाद लगभग 2 महीने तक बच्ची को वेन्टीलेटर एवं गहन चिकित्सा ईकाई में डॉ.पुनीत जैन,डॉ.सन्नी मालवीय,डॉ.पलक जैन,मनीष एवं कल्पेश की निगरानी में रखा गया। बच्ची अभी पूरी तरह से स्वस्थ्य है और उसका वजन साढे तीन किलो हो गया और उसे छुट्टी दे दी गई है।
बच्ची के परिजनों ने पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल,सभी चिकित्सकों,मैनेजमेंट, नर्सिंग कर्मियों एवम् स्टॉफ का आभार जताया।