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लंदन में हरियाली तीज महोत्सव धूमधाम से मनाया गया, घूमर 2025 की तैयारी और राजस्थान भवन निर्माण पर हुई चर्चा

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लंदन। तीज के साथ ही हो जाता है रास्थानियों के जीवन में आने वाले साल के त्यौंहारों का आगाज। और ये उल्लास सिर्फ प्रदेश में रहने वालों में ही नहीं बल्कि प्रवासी राजस्थानियों में भी दिखता है। सात समंदर पार लंदन की धरती पर रविवार को लहरिया महोत्सव की धूम रही। राजस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट, यूके की ओर से लंदन स्थित हैरो रिक्रियेशन गार्डन में हरियाली तीज महोत्सव मनाया गया। करीब 4 घंटे चले इस महोत्सव में बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानियों ने हिस्सा लिया। महिलाएं लहरिया साड़ी और राजस्थानी वेश-भूषा में कार्यक्रम में शामिल हुईं। पुरुष धोती-कुर्ता और लहरियेदार चुनरी का साफा पहने पहुंचे। कार्यक्रम स्थल पर महिलाओं ने झूला झूलने का लुत्फ उठाया और राजस्थानी गीत गाकर वातावरण को सुरमयी बना दिया। फिर राजस्थानी परंपरानुसार एक-दूसरे को घेवर खिलाकर मुंह मीठा कराया। महोत्सव के बाद राजस्थानी पकवान परोसे गए। तीज की पूर्व संध्या पर महिलाओं ने हाथों में मेहंदी रचाई।
इस मौके पर हनवंतसिंह राजपुरोहित, सुरजीत सिंह ढाका, सुरेश कुमार, मितेश राजपुरोहित, दीपक शर्मा, निर्मल बबेरवाल, अतुल अग्रवाल, रवी चांडक, पियूष झंवर, चारुलता राजपुरोहित, बिंदु चौधरी, अंकिता अग्रवाल, पूजा शर्मा, ललिता राजपुरोहित, निधि चांडक, निधि बबेरवाल, नेहा झंवर, गौरी राजपुरोहित, बबिता चाहर सहित बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी मौजूद रहे।
बाद में यहां हुई बैठक में राजस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट, यूके द्वारा इंग्लैंड में आगामी 20 सितंबर को राजस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट यूके द्वारा आयोजित घूमर, 2025 कार्यक्रम के मूर्तरुप पर विमर्श किया गया। यूरोप के सबसे बड़े राजस्थानी कार्यक्रम को चार चांद लगाने जा रहे हैं राजस्थान के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार संजय मुकुंदगढ, मनीषा सैनी और की बोर्ड प्लेयर हेमंत डांगी। इस बार घूमर में 2000 से अधिक प्रवासी भारतियों के शिरकत का लक्ष्य है। इसके अलावा, सभी ने मिलकर राजस्थान भवन बनाने का प्रस्ताव रखा और इस ओर कदम बढाते हुए प्रथम रूपरेखा तैयार की। यह जानकारी ट्रस्ट के पदाधिकारी प्रवासी भारतीय हनुमंत सिंह ने दी। राजस्थान भवन लगभग 7 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा, जहां लंदन जाने वाले राजस्थानी विद्यार्थियों और राजस्थानी पर्यटकों के लिए उचित खर्च पर रहने का अस्थाई बंदोबस्त किया जाएगा, साथ ही राजस्थानी समाज के शादि विवाह जैसे प्रसंग हेतु व्यवस्था होगी, यहां राजस्थानी भाषा और संस्कृति के प्रोत्साहन हेतु विभाग बनेगा एवं इससे होने वाली आय का 10% हिस्सा राजस्थान में जरूरतमंद विद्यार्थियों की शिक्षा हेतु दान दिया जाएगा। इस हेतु लंदन में रहने वाले भामाशाहों से भढचढ कर सहयोग का आह्वान किया गया है।

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