मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान में दो फाड़
1 min readबीएन काॅलेज में निर्विरोध चुनाव सम्पन्न – मीरां मेदपाट भवन में निष्कासन पर रायशुमारी
संभाग में क्षत्रिय समाज के सबसे बड़े संगठन मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान के दो फाड़ हो गए है। एक धड़े ने जहां भूपाल नोबल्स संस्थान के अहाते में रविवार को चुनाव सम्पन्न कराते हुए नई कार्रकारिणी की घोषणा कर दी, वहीं दूसरे धड़े ने नई कार्रकारिणी सहित इसमें शामिल दिग्गजों को संस्थान से निकालने की घोषणा कर दी। आपको बता देकि बीएन संस्थान में आयोजित चुनाव के दौरान कुछ देर मंथन हुआ फिर सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने निर्विरोध रूप से अशोक सिंह मेतवाला को अपना केंद्रीय अध्यक्ष चुन लिया। इसके साथ ही उपाध्यक्ष पर नारायण सिंह बेड़ाली, महामंत्री पद पर भवानी सिंह प्रताप सिंह ताणा, संयुक्त मंत्री पद पर भीम सिंह कल्लाखेड़ी, कोषाध्यक्ष पद पर गुमानसिंह वालाई, संगठन मंत्री के पद पर गजराज सिंह हथिपूर, मोहनसिंह ज्ञासपुर, साहित्य मंत्री के पद पर लादूसिंह चोगावडी का चयन निर्विरोध किया गया। चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद सभी सदस्यों ने नई कार्रकारिणी के पदाधिकारियों को मालाएं पहनाकर बधाईयां दी। इस अवसर पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष अशोक सिंह मेतावाला ने सभी सदस्यों को धन्यवाद देने के साथ ही कहा कि एकलिंगनाथ का आशीर्वाद लेकर दूर – दूर दराज गांवों में क्षत्रियत्व को बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। शिक्षा और बालिका शिक्षा की अलग जगाई जाएगी। विकास की धारा को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र की रक्षा का संकल्प भी संस्था की ओर से क्षत्रियों को दिलवाया जाएगा।
आपको बता देकि पूर्व बैठक में महासभा के निवर्तमान महामंत्री तनवीर सिंह कृष्णावत ने 12 जून को ही चुनाव कराने की घोषणा की थी, उस दौरान भी विवाद उत्पन्न हुआ और बाद में अखबारों और मीडिया के जरिए आरोप – प्रत्यारोप लगते रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर शहर के चित्रकूट नगर में स्थित मीरा मेदपाट सभागार में बालूसिंह कानावत के नेतृत्व में आपात बैठक आयोजित की गई। जिसमें मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान के पदाधिकारियों और सदस्यों ने सर्वसम्मति से बीएन में आयोजित हुए चुनाव को गैर कानूनी करार दिया और इस चुनाव में शामिल महासभा के पदाधिकारियों और सदस्यों के तुरन्त निष्कासन के सुझाव जारी कर दिए। श्री कानावत ने कहा कि संस्थान में साढ़े तीन हजार से ज्यादा सदस्य है, सिर्फ दो सौ लोगों को बुलाकर अचानक चुनाव करवाना ही न्यायोचित नहीं है। न तो सभी को सूचना दी गई न हीं सभी को बुलाया गया और जिन चुनाव अधिकारियों के नाम तनवीर सिंह कृष्णावत ने जारी किए थे उनमें से एक भी चुनाव के दौरान में मौजुद नहीं था। चुनाव में शामिल होने वाले रणधीर सिंह भिंडर ,महेंद्र सिंह आगरिया,कुलदीप सिंह ताल ,खेम सिंह कितावत ,भीम सिंह ताणा ,राजेंद्र सिंह ताणा ,भवानी प्रताप सिंह ताणा ,नारायण सिंह बड़ोली ,प्रदीप सिंह सिंगोली प्रह्लाद सिंह चिबुडा ,हनुमंत सिंह बोहेड़ा ,देवेंद्र सिंह पिपलाज ,मोती सिंह झाला ,कमलेन्द्र सिंह कच्छेर, गुमान सिंह वालाई ,जग जितेंद्र सिंह बांसवाड़ा ,डीडी सिंह राणावत ,अशोक सिंह मेतवाला को नोटिस दे कर स्पष्टीकरण माँगा गया है आपको बता दे कि मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के महामंत्री तनवीर सिंह कृष्णावत को पूर्व में निष्कासित किया जा चूका है।
इस बैठक में महासभा के चुनाव आगामी 31 जुलाई को तय किए गए है। इस दौरान लवदेव सिंह कृष्णावत,चन्द्रवीर सिंह करेलिया, कमलेंद्र सिंह बेमला, गणपत सिंह माईदा, लक्ष्मण सिंह झाला, नवल सिंह राजसमंद, भंवर सिंह गुंजोल, जितेंद्र सिंह सरदापुरा, गोवर्धन सिंह झाला,बड़गांव, शिवदान सिंह देवड़ा, गिर्वा आदि कई जगहों से आए हुए पदाधिकारी और सदस्य मौजुद थे।