उदयपुर को साफ और स्वच्छ रखने के लिए भले ही उदयपुर जिला प्रशासन और नगर निगम कितने ही प्रयास करले लेकिन जब तक जनता जागरूक नहीं होगी यह शहर गंदगी की भेंट चढ़ता रहेगा। हालाकि गुरूवार को ही प्रशासन की ओर से स्वच्छता और पर्यावरण सुधार के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए सड़क या किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती करने के आदेश दिए। अब सड़क या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर भी निगम 200 रूपए शुल्क वसुलेगा। खुले में नहाए तो 300 रूपए और पशु से गंदगी करवाई तो 1000 रूपए अदा करने पड़ेंगें। लेकिन फिर भी शहरवासी है कि मानने को तैयार नहीं है।
शुक्रवार को एक युवा झील के अंदर बाथरूम करते हुए दिखाई दिया, लेकिन उसे रोकने वाला कोई नहीं था। जब हमारे रिपोर्टर ने उससे पुछा कि भैया यह झील है आप इसमे बाथरूम कर रहे हो तो वह बिना कुछ बोले ही चल दिया। जुर्माना तो इन जैसे युवाओं पर लगना चाहिए जो झीलों को साफ करने के बजाए उन्हें ही गंदा करने पर तुले हुए है।