March 29, 2024

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महाराणा प्रताप प्रतिमा निर्माण में लगे भ्रष्टाचार के आरोप

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रिपोर्ट – प्रमोद – शेखर 

विधानसभा अध्यक्ष और स्थानीय विधायक डॉ सीपी जोशी की ओर से शहर में इस दिनों विकास कार्यो की कई सौगाते दी जा रही है। वही उन कार्याें में माेनीटंरीग नही हाेने की वजह से अधिकारियाें व जनप्रतिनिधियाें पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े गौरव पथ पर महाराणा प्रताप की घोड़े पर सवार स्थापित विशाल प्रतिमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं आपको बता दे कि इस प्रतिमा के अनावरण के बाद शहर में इस मूर्ति की लागत को लेकर  काफी चर्चाए हो रही है। नगरपालिका द्वारा मूर्ति लगाने के लिए डेढ़ करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है लेकिन आम आदमी भी इस बजट को ज्यादा बता रहा है और सरकारी पैसों का नुकसान होने की बात कह रहा है।

भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता और वार्डवासी मुकेश त्रिपाठी ने बताया कि चुनावी साल में कांग्रेस ने राजपूत वोट बैंक साधने के लिए गौरव पथ पर महाराणा प्रताप की मूर्ति की स्थापना करवाई।  जिसमें नगरपालिका द्वारा भ्रष्टाचार करते हुए दुगुनी राशि ख़र्च कर ठेकेदार फर्म को लाभ पहुचाया गया है।  त्रिपाठी ने कहा कि नगर के बडे मगरे पर हनुमानजी की 108 फीट की प्रतिमा बनवाई जा रही हैं जिसकी लागत 1 करोड़ रुपए बताई जा रही हैं।

त्रिपाठी ने इस मामले की उच्च अधिकारियों से जांच करवाकर भ्रष्टाचार का खुलासा करने की मांग की। मूर्तिकार राजकुमार पंडित ने बताया कि जयपुर की फर्म निरानीया कन्ट्रेक्शन द्वारा उन्हें महाराणा प्रताप की अश्वरूढ़ प्रतिमा बनाने का आर्डर दिया था जिसकी कीमत 70 लाख रुपए भुगतान करना तय हुआ। मूर्ति का वजन तीन हजार आठ सौ किलोग्राम है।

जो कांसा, टीन और तांबे के मिश्रण से बनी हैं। महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाने के लिए पेडेस्टल फाउंडेशन का निर्माण 80 लाख रुपए की राशि खर्च होना बताया गया हैं। इस मामले को लेकर भाजपा नगर अध्यक्ष प्रदीप काबरा ने कहा कि महाराणा प्रताप मूर्ति कार्य में अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो इस बारे में पता करवाया जाएगा।

इसके बाद संगठन में चर्चा कर विरोध किया जाएगा। इस मामले में ठेकेदार एमएस निरानिया और नगर पालिका अध्यक्ष मनीष राठी से बात कि तो उन्होंने कुछ भी बताने से मना करते हुए कहा नगरपालिका आयुक्त द्वारा बताने की बात कही। जब इस मामले में नगर पालिका आयुक्त कौशल कुमार खटुमरा से बात करनी चाही तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।अब देखना होगा कि प्रताप की इस मूर्ति के भ्रष्टाचार शामिल किन जिम्मेदारों पर गाज गिरती है।