बड़ी सादड़ी कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की दबंगई, लेन देन को लेकर किसान के साथ की मारपीट !
1 min readबड़ी सादड़ी कृषि उपज मंडी में बुधवार को कुछ व्यापारियों ने कृषि जींस के हिसाब में गड़बड़ी को लेकर एक किसान के साथ मार पीट कर दी जानकारी के अनुसार नोगावा निवासी किशन लाल सुथार मंगलवार को कृषि उपज मंडी बड़ीसादड़ी में सोयाबीन लेकर आया और अपनी उपज बेंच कर पेमेंट लेकर घर चला गया घर जाकर कृषि जींस के बिल का हिसाब का मिलान किया तो बिल में गड़बड़ी पाई गई और 1300 रुपए कम पाए गए जिस पर किसान बुधवार को अपने रिश्तेदार कचुमरा जगदीश पिता शंकर लाल सुथार के साथ पुनः कृषि मंडी पहुंचे और सोयाबीन खरीदने वाले व्यापारी को पूरी बात बताई,जिसपर व्यापारी राजेश पिता सज्जन राज नागोरी, विपिन्न पिता भोपाल सिंह मोगरा सहित अन्य व्यापारियों ने आनाकानी करते हुए आक्रोश में आकर किसान के साथ आए रिश्तेदार के कचुमरा जगदीश पिता शंकर लाल सुथार के साथ मारपीट कर दी जिस पर किसान के साथ आया रिश्तेदार रूप से घायल हो गया और चोटे भी आई, व्यापारी मारपीट कर नीलामी स्थल से फरार हो गए,मारपीट की सूचना उपखंड अधिकारी बिंदु बाला राजावत को दी गई जिसपर उपखंड अधिकारी द्वारा नायब तहसीलदार रामप्रसाद खटीक पुलिस जाब्ता को कृषि मंडी में मौके पर भेजा गया,नायब तहसीलदार ने घायल किसान से घटना की जानकारी लेकर घायल किसान को मेडिकल के लिए पुलिस जाब्ते के साथ बड़ीसादड़ी सीएचसी पहुंचाया,घायल किसान ने मारपीट की लेकर राजेश पिता सज्जन राज नागोरी,विपिन पिता भोपाल सिंह मोगरा के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवाया,पुलिस प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया हैं।
व्यापारियों ने कर रखा है कृषि मंडी में अतिक्रमण
बड़ी सादड़ी कृषि मंडी में किसानों के लिए बनाए गए टीन शेड में व्यापारियों ने कर रखा है अतिक्रमण किसानों के लिए बनाए गए टिन शेड में व्यापारियों द्वारा नीलामी के बाद कृषि जींस को टिन शेड में डाल दिया जाता है जिसके कारण किसानों को अपना कृषि जींस मजबूरन मंडी में रोड़ पर खाली कर के नीलामी का इंतजार करना पड़ता है पूर्व में भी कई बार बारिश के कारण किसानों का कृषि जींस गिला हो गया और लाखो रुपए का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा, इसको लेकर पूर्व में भी कई बार उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत की गई लेकिन किसी भी अधिकारी ने अन्नदाता की सुध नही ली,अब देखने वाली बात यह होगी कि किसानों के साथ इसी तरह अन्याय होता रहेगा या कोई अधिकारी किसानों सुध लेगा।