नही रहे देश के सबसे बौने महाराज!!
1 min readदेश के सबसे बौने महाराज बामनगिरी जी का देवलोक गमन होने से मेवाड़ के कई इलाको शोक की लहर छा गई।सराड़ा उपखंड क्षेत्र के प्रसिद्ध तर्णेश्वर शिवधाम में पिछले करीब छह सालों से निवासरत बावन गिरीजी महाराज का मंगलवार सुबह निधन हो गया। जैसे ही उनके देहावसान की खबर मिली तो अन्तिम दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया। उनकी भावभीनी विदाई में कई आंखें गमगीन हो गई।
पटेल रिवार में जन्में बावन गिरी महाराज का मूल नाम धनाजी पटेल था, किन्तु उनका कद , करीब सवा दो फीट का होने से बामनगिरी दिया गया। स्थानीय लोगों ने उन्हें बावनगिरी जी के नाम से ही पुकारते थे। अस्सी वर्ष की दीर्घ आयु तक बामनगिरी जी ने कई धुणियों और मठों पर, दर्जनों मठाधीशों व सैंकडों साधुओं के साथ अपना जीवन भक्ति और साधना में व्यतीत किया। बताया जा रहा है कि वे अविवाहित और ब्रह्मचारी थे। छोटा कद होने से बामनगिरी जी नेशनल और इन्टरनेशनल मीडिया में भी सुर्खियों में रहे है। उनकी मीठी वाणी और भविश्यवाणी भी काफी हद तक सटीक बैठती थी। दूर दराज इलाकों से भक्त उनका आशीर्वाद लेने के लिए तर्णेश्वर शिवधाम पंहुचते थे। उनके पार्थिव शरीर को तर्णेश्वर महादेव मन्दिर परिसर में बनी कुटिया में अन्तिम दर्शनों के लिए रखा गया, जहां से शाम करीब पांच बजे हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम यात्रा के साथ उन्हें पंचतत्व में विलीन किया गया।