लुप्त होती परम्परागत गायन की विधाओं को बचाने की जरूरत- नवदीप सिंह झाला

लुप्त होती परम्परागत गायन की विधाओं को बचाने की जरूरत- नवदीप सिंह झाला

अजमेर के प्रसिद्ध मांड एवम ग़ज़ल गायक इन दिनों उदयपुर में है, देशभर में ग़ज़ल, मांड, ठुमरी और भजन सहित कई विधाओं में गायन करने वाले नवदीप सिंह झाला ने कई गज़लें एवम उदयपुरी मांड के साथ जैसलमेरी मांड सुनाते हुए कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के हावी होने की वजह से हमें राजस्थान की समृद्ध कला-संस्कृति के साथ परम्परागत गायन शैली को बचाने की जरूरत है, झाला ने उस्ताद यासीन खां से तालीम हासिल की और वर्तमान में प्रसिद्ध भजन गायक एवम पद्मश्री सम्मान से नवाजे गए अनूप जलोटा के सानिध्य में ग़ज़ल और भजन गायकी की तालीम ले रहे है

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