हिन्दुस्तान जिंक द्वारा जावर में समाधान पहल के तहत् उन्नत नस्ल गोवत्स प्रदर्शनी आयोजित
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हिन्दुस्तान जिंक जावर माइन्स के ग्रामीण विकास र्कायक्रम के अंतर्गत संचालित समाधान परीयोजना के तहत जावर माइन्स के सामुदायिक केंद्र में उन्नत नस्ल गोवत्स प्रदर्षनी आयोजन किया गया । जिसमें महिला किसानों सहित 15 गावों के 25 से अधिक किसानों ने भाग लिया जिन्हें पशुधन के स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार के उद्देश्य से समाधान के कृत्रिम गर्भाधान (एआई) से लाभ हुआ है। । इस अवसर पर समाधान परीयोजना के परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी दी तथा परीयोजना द्वारा जावर माइन्स क्षैत्र में चल रही पशुपालन गतिविधियों की सविस्तार जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य एवं विषिष्ट अतिथि पशुपालन विभाग जयसमंद के नोडल अधिकारी डाॅ. राजेन्द्र डोरवाल एवं हिन्दुस्तान जिंक जावर माइन्स के एसबीयू डायरेक्टर राम मुरारी थे।
राम मुरारी ने पशुपालकों से हिन्दुस्तान जिंक और बायफ संस्था द्वारा आसपास के गांवो में चलाई जा रही कृषि एवं पशुपालन गतिविधियों की सराहना करते हुए किसानो से अधिक से अधिक लाभ उठाने का आव्हान किया। कार्यक्रम में बायफॅ द्वारा चलाई जा रही पशुपालन गतिविधियाॅं तथा उनके द्वारा होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी व बायफ द्वारा प्रयोग किऐ जा रहे सोर्टेस सीमेन के महत्व पर प्रकाष डाला। तत्पश्यात् कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि डाॅ. डोरवाल ने किसानों को पशुपालन से अपने जीवन स्तर में वृद्वि एवं खेती के साथ पषुपालन करने से अपनी आय में बढोतरी करने के उपाय सुझाऐं तथा साथ ही विभाग द्वारा चल रही विभिन्न प्रकार की परीयोजना के बारे में जानकारी दी। उन्हांेने किसानों को पशुधन के लिए अच्छे पोषण और स्वच्छता प्रथाओं के महत्व पर सलाह दी और जोर दिया कि ये दीर्घकालिक स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कार्यक्रम के दौरान, कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से गर्भाधान किए गए सबसे स्वस्थ बछड़ों को सम्मानित किया गया और पहल की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले किसानों का भी सम्मान किया गया। हिन्दुस्तान जिं़क की समाधान परियोजना से प्रदेश के 5 जिलों में 30, हजार से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हो रहे है। इनमें से 3 हजार से अधिक महिला किसान विभिन्न कृषि नवाचारों को अपनाने के लिये प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्नत कृषि से जुड़ी हैं, जबकि अन्य 5 हजार से अधिक ने बेहतर कृषि और पशुपालन की नवीन तकनीक पर प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इसके अलावा, 10 हजार से अधिक किसानों को बेहतर कृषि पद्धतियों पर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण हेतु जोडने के साथ ही सरकारी योजनाओं से भी लाभान्वित किया गया है। 15 हजार से अधिक किसानों को हाई-टेक सब्जी की खेती, लो टनल फार्मिंग, ट्रेलिस फार्मिंग, मशरूम फार्मिंग, बागवानी आदि के लिए सहायता दी गयी है।