November 22, 2024

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बदमाश बेटे को बचाने के लिए पीड़ितों पर दबाव बना रहा मध्यप्रदेश कांग्रेस का बड़ा नेता

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राहुल माखीजा के अपहरण मामले में चार अभियुक्तो को पीसी एक को जेसी
प्रदीप सिंह भाटी
उदयपुर । गत 30 दिसम्बर को दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर जिले में एक हाईप्रोफाईल अपहरण मामले में चार दिनों की कड़ी मेहनत के बाद एक तरफ जहां उदयपुर पुलिस ने खुलासा करते हुए अन्तराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया था, वहीं अब मध्यप्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता अपने बदमाश बेटे को बचाने के लिए पीड़ित पक्ष पर रसूख का दबाव बनाने के हर संभव प्रयास में जुटा हुआ है। बहरहाल मंगलवार को उदयपुर पुलिस ने पांचो आरोपियों को उदयपुर की कोर्ट में पेश किया गया जहां से एक अभियुक्त को पंद्रह दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है,बल्कि चार अभियुक्तों को सात जनवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा है।
यह था मामला
30 दिसम्बर को उदयपुर के अम्बामाता थाना क्षेत्र की अम्बावगढ़ काॅलोनी के धनाढ्य और सभ्रांत परिवार के बेटे राहुल माखीजा का दिन दहाड़े अपहरण हो गया, अपहरण के कुछ देर बाद राहूल के ही नम्बर से उसके पिता के पास व्हाट्सएप्प काॅल आती है और 80 लाख नहीं देने पर राहूल को जान से मार देने की धमकी मिलती है। परिवार की शिकायत के बाद पुलिसिया जांच शुरू हो जाती है और 48 घण्टे बाद पुलिस के हाथ लगती है राहूल की कीचड से सनी कार। अफवाहों का दौर शहर की हवाओं में ऐसा घुलता हैकि पुलिस को राहूल तक पंहुचना चुनौती से कम नहीं लगता है। कई घण्टों तक सैंकड़ो सीसीटीवी खंगालने और मुखबरिया तंत्र की मदद से पुलिस को एक कड़ी मिलती है जो ही सबसे अहम होती है। उस कड़ी का नाम है अनुराग पुत्र राजकुमार अहीर, उदयपुर पुलिस की पकड़ में आते ही मास्टर माईंड अनुराग तोते की तरह बोलता गया और आखिरकार सोमवार की अल सुबह पुलिस राहूल माखीजा तक पंहुच ही गई।
अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, पांच बदमाश गिरफ्तार
अम्बामाता थाना क्षेत्र के अम्बावगढ़ क्षेत्र में फाईनेंसकर्मी राहुल माखीजा के अपहरण की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें एक गुजरात का है बल्कि चार मध्यप्रदेश से है। जिनमें मुख्य अभियुक्त अनुराग पुत्र राजकुमार अहीर निवासी नीमच, विपुल अजमेरा पुत्र सुशील अजमेरा निवासी सुरत, माधव बंसल पुत्र सतीश बंसल निवासी नीमच, मोहित उर्फ बिट्टू पुत्र संतोष यादव निवासी नीमच और संतोष यादव पुत्र रामराज यादव निवासी इंदौर शामिल है।
इस टीम की रही अहम भुमिका
जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के निर्देशन में डिप्टी जितेंद्र आंचलिया के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। जिसमें अम्बामाता थानाधिकारी सुनील टेलर, घण्टाघर थानाधिकारी श्यामसिंह रत्नू, सुखेर थानाधिकारी मुकेश सोनी,सवीना थानाधिकारी रविन्द्र चारण, भोपालपुरा थानाधिकारी भवानी सिंह राजावत, डीएसटी प्रभारी दलपतसिंह, साईबर सेल प्रभारी गजराज सिंह, डूंगला थानाधिकारी यशवंत सिंह सौलंकी और उनकी टीम को शामिल किया गया। चार दिनों की कड़ी मेहनत के बाद राहुल को खोजने और बदमाशों को पकड़ने में सफल होती है।
राहुल के भाई से थी अनुराग को खुन्नस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मास्टर माईंड अनुराग अहीर और राहूल माखीजा के भाई कविश के बीच एक जमीन विवाद चल रहा था, दरअसल अनुराग ने कोई जमीन कविश को दिखाई थी, जिसमे टोकन देने के बाद अनुराग की परेशान करने वाली हरकतों से कविश ने डील केंसल कर दी और टोकन की राशि वापस ले ली। बस इसी बात की खुन्नस अनुराग को थी और वह दोनो भाईयों में से किसी को भी किडनेप करके ऐश मौज के लिए पैसे ऐठना चाह रहा था। बाद में उसने अपनी गैंग को सक्रिय किया और किडनेपिंग की साजिश रच डाली।
नेताजी का बेटा अहीर पहले भी कर चुका है किडनेपिंग
अनुराग अहीर भी काफी नामचीन और सभ्रांत परिवार से है, उसके पिता राजकुमार अहीर कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता है और मध्यप्रदेश के जावद से एक नहीं तीन बार चुनाव लड़ चुके है, यह बात और हैकि राजकूमार अहीर कभी जीत नहीं पाए, लेकिन अपहरण में जिन वाहनों का उपयोग किया गया है वह भी साबित करते हैकि अनुराग अहीर कितना हाई प्रोफाईल है। इस किडनेपिंग के पहले भी अनुराग एक पत्रकार मूलचंद खींची का अपहरण कर चुका है जिसमे उसके पिता राजकुमार अहीर की भुमिका संदिग्ध रही है। पत्रकार के अपहरण में राजकुमार हर पल अनुराग को फोन पर गाईडेंस देता रहा था।
काफी दिनों से उदयपुर में रहकर कर रहा था रैकी
अनुराग अहीर अपने गुर्गाें के साथ काफी दिनों से उदयपुर में ही रह रहा था। अम्बावगढ़ की ही एक होटल में राहूल डेरा डाले हुए था और इस बीच वह शहर के एक नामचीन कैफे में भी आने जाने लगा था। जहां अमूमन शहर के हाईप्रोफाईल बाईकर्स ही आते है, अनुराग ने वहां भी रैकी की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाया तो उसने कविश या उसके भाई राहुल के अपहरण की साजिश रच डाली।
अपहरण के बाद मुख्य आरोपी ने दिल्ली में मनाया थर्टी फस्र्ट
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राहूल माखीजा के अपहरण के बाद सभी को नीमच रवाना करके अनुराग उदयपुर की रेडिशियन ब्लू होटल में ठहरा और बाद में साल की आखिरी रात का जश्न मनाने के लिए अपनी अल्टीरोज गाड़ी में दिल्ली चला गया जहां होटल लीला में पहले से ही रूम बुक था। इस शातिर बदमाश ने साल को विदा और स्वागत दो दिन तक यहीं पररूक कर किया, पता तो यह भी चला हैकि इसने अहमदाबाद में रहने वाली महिला मित्र को भी दिल्ली बुलाया था। अभियुक्त ने प्रारम्भिक पूछताछ में उदयपुर के कई रसूखदारों के नाम भी अपहरण में शामिल होने को लेकर लिए है, जो किसी के गले भी नहीं उतर रहे है। हालाकि आगामी तफ्तिश में सब सामने आ ही जाएगा।

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