फिक्की एफएलओ की महिला प्रतिनिधियों ने विश्व की सबसे बडी रामपुरा आगुचा माइन का दौरा किया
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फिक्की एफएलओ जयपुर की 60 महिला प्रतिनिधियों ने हिंदुस्तान जिंक की रामपुरा आगुचा माइन में 850 मीटर नीचे जा कर खनन क्षेत्र की नवीन तकनीक को देखा
फिक्की एफएलओ जयपुर की 60 महिला प्रतिनिधियों ने वेदांता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड की विश्व में सबसे बड़ी जिंक उत्पादक खदानों में से एक रामपुरा आगुचा माइन का दौरा कर माइनिंग की नवीन तकनीक और नवाचारों को देखा। तीन दिवसीय इस दौरे में प्रतिदिन 20 महिलाओं ने माइन में 850 मीटर नीचे हिन्दुस्तान जिं़क की रामपुरा आगुचा माइन का अनुभव लिया जो कि बुर्ज खलीफा की ऊंचाई से भी गहरी है।
समूह एलआईडीएआर तकनीक से चलने वाले रिमोट कंट्रोल लोडर को देखा जिसे सतह से 1000 मीटर से भी ज्यादा गहराई से चलाया जा सकता है। इससे सुरक्षा और उत्पादन दोनों बढ़ते हैं। उन्होंने आईओटी से चलने वाले ऐसे सिस्टम भी देखे जो मशीनों के खराब होने का पहले से पता लगा लेते हैं और उन्हें रोकते हैं। साथ ही एआई तकनीक से चलने वाले सुरक्षा निगरानी सिस्टम भी देखे, जो सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करते हैं।
शाफ्ट वाइंडर चलाने के लिए वर्चुअल रियलिटी सिम्युलेटर का प्रदर्शन भी किया गया, जिससे हिन्दुस्तान जिं़क की सुरक्षित और अच्छी ट्रेनिंग देने की गंभीरता की जानकारी मिलती है। इसके अलावा, महिलाओं के इस समूह ने सतह से ही चलने वाले रिमोट कंट्रोल ड्रिलिंग ऑपरेशन को भी देखा।
यह दौरा फिक्की एफएलओ जयपुर चैप्टर की 2025-26 की थीम – हेरिटेज, हेल्थ और हार्मोनी को पूरी तरह से दर्शाता है। इस थीम के तहत् परंपरा को नई सोच के साथ जोड़ना और महिलाओं को उन क्षेत्रों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना जहाँ आमतौर पर महिला नेतृत्व कम दिखता है शामिल करना है। इस दौरान खनन के विकास, मशीनों के इस्तेमाल और औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर महत्वपूर्ण विचार साझा किये गए। महिलाओं ने गहराई से जाना कि आधुनिक खनन कैसे सस्टेनेबल हो सकता है, उसमें नवाचार लाने के साथ साथ यह समुदाय को कैसे मजबूत कर सकता है।
रामपुरा आगुचा में इस अनुभव से न केवल उन्हें माइनिंग की जानकारी मिली, बल्कि प्रेरणा भी मिली। इससे यह विश्वास और मजबूत हुआ कि महिलाएं बड़े उद्योगों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यह कार्यक्रम समावेशी विकास, समुदाय की भागीदारी और अनुभव से सीखने को बढ़ावा देने के लिए हिन्दुस्तान जिं़क के सतत् प्रयासों का हिस्सा है।