आखिर क्यूँ निगम में रो पड़ी एक वृद्धा !
उदयपुर- उदयपुर नगर निगम को अगर नरक निगम कहें तो कोई अतिशियोक्ति नहीं होगी। क्यूंकि यहां आते आते भले ही आपके घुटने घिस जाए तो भी आपको काम नहीं होगा क्यूंकि आपके पास रसूख और पैसा नहीं है। आपके पास सिर्फ ईमानदारी है और आप अपनी जायज मांग के लिए अगर निगम में जा रहे है तो एक बार इस खबर को देखना न भुले। डेढ़ साल से उपर से नीचे और नीेचे से उपर चक्कर काटकर थक चुकी एक वृद्धा तो बुधवार को निगम परिसर में ही फफक पड़ी,लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं था। जनता द्वारा चुने गए पार्शदों और उनके द्वारा चुने गए महापौर और सरकारी अधिकारी इस वृद्धा की बात तक नहीं सुन रहे है।
अब यह बेबस कमजोर महिला जाए तो कहां जाएं। आपको बता देकि मेहता जी की खिड़की में वर्षों से रहने वाली इस महिला का मकान यहां पर काफी पुराना है। वहीं पड़ोस में रहने वाले जमील मोहम्मद ने बिना स्वीकृति के जी प्लस टू का निर्माण करवा दिया। इस वजह से वृद्धा जयश्री जैन के मकान में दरारें भी आ गई। वृद्धा की शिकायत के बाद निगम की ओर से अवैध निर्माणकर्ता जीमल मोहम्मद को नोटिस भी दिया गया और तुरंत काम रोकने को कहा गया, लेकिन जमील मोहम्मद लगातार काम करवाता गया और वृद्धा का मकान क्षतिग्रस्त होता गया। करीब एक साल से निगम चक्कर काट रही इस वृद्धा का किसी ने नहीं सुनी।जनता द्वारा चुने गए पार्शदों और उनके द्वारा चुने गए महापौर और सरकारी अधिकारी इस वृद्धा की बात तक नहीं सुन रहे है। अब यह बेबस कमजोर महिला जाए तो कहां जाएं। आपको बता देकि मेहता जी की खिड़की में वर्षों से रहने वाली इस महिला का मकान यहां पर काफी पुराना है। वहीं पड़ोस में रहने वाले जमील मोहम्मद ने बिना स्वीकृति के जी प्लस टू का निर्माण करवा दिया। इस वजह से वृद्धा जयश्री जैन के मकान में दरारें भी आ गई। वृद्धा की शिकायत के बाद निगम की ओर से अवैध निर्माणकर्ता जीमल मोहम्मद को नोटिस भी दिया गया और तुरंत काम रोकने को कहा गया, लेकिन जमील मोहम्मद लगातार काम करवाता गया और वृद्धा का मकान क्षतिग्रस्त होता गया। करीब एक साल से निगम चक्कर काट रही इस वृद्धा का किसी ने नहीं सुनी।