हिन्दुस्तान जिं़क की समाधान परियोजन के तहत् उन्नत नस्ल बछडों की प्रदर्शनी का आयोजन हिंदुस्तान जिंक द्वारा आस पास के किसानो के पशु धन विकास द्वारा वार्षिक आय संवर्धन के लिए बायफ के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही समाधान परियोजना के अंतर्गत मालीखेड़ा में उन्नत नस्ल बछड़ों की रैली एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स के आईबीयू सीईओ बलवंत सिंह राठौड़ उपस्थित थे। इस उन्नत नस्ल वत्स प्रदर्शनी मंे पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. नानालाल रेगर एवं एलईओ, पशुपालन विभाग लक्ष्मीलाल रेगर ने पशुपालको को उन्नत पशुपालन हेतु विभिन प्रकार योजनाये एवं क्रियाकलापों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने डीवर्मिंग, टीकाकरण, समय पर गर्भाधान, उचित रखरखाव ,पालन पोषण, पशुओ में होने वाले विभिन रोग व उनकी रोकथाम के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी। इस अवसर पर आस पास के गांवों के उन्नत नस्ल की बछडीयों के साथ 40 पशुपालकों ने उत्साह से भाग लिया जिसमें महिला पशुपालकों की भी उल्लेखनीय भागीदारी रही। रैली का एक प्रमुख आकर्षण गिर, साहीवाल, होलस्टीन फ्रीजियन और मुर्राह भैंस सहित प्रीमियम नस्लों के कृत्रिम गर्भाधान से 20 उच्च गुणवत्ता वाली बछडियों का मूल्यांकन था। श्रेष्ठ तीन बछड़ियों को उनकी वृद्धि, स्वास्थ्य और समग्र गुणवत्ता के आधार पर विशेष पुरस्कार दिए गए, सभी पशुपालको को परितोषिक से सम्म्मानित भी किया गया। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा राजपुरा दरीबा क्षेत्र के आस पास गांवों में कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा उन्नत नस्ल की बछडीयो के नस्ल सूधार का कार्य नियमित रुप सें क्रियान्वित किया जा रहा है। जिसमें पशुपालको को गिर, मुर्रा, जर्सी, होलस्टीन, बकरियों आदि नस्ल की बछडियो के नस्ल सुधार द्वारा लााभान्वित किया गया है। केन्द्र के माध्यम से नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान,पशु स्वास्थ्य शिविर, डीवर्मिंग, टीकाकरण,प्रशिक्षण, हरा चारा,मिनरल मिक्सचर आदि कार्य किये जाते है। किसानों ने समाधान परियोजना के साथ अपने अनुभव भी साझा किए, कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से पशुधन की गुणवत्ता में सुधार के बारें में अवगत कराया। उन्होंने दूध उत्पादन में वृद्धि पर प्रकाश डाला, जिसने उनकी आय को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, जो सीधे किसानों की आय को दोगुना कर राष्ट्रीय एजेंडे में योगदान देता है। पिछले 10 वर्षों से, समाधान परियोजना रेलमगरा ब्लॉक के 36 गांवों में किसानों को सशक्त बना कर कृषि और पशुधन विकास में सहयोग कर रही है। इस पहल के तहत, कुल 8491 कृत्रिम गर्भाधान (एआई) हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2516 पशुओं का जन्म हुआ है। पिछले तीन वर्षों में, इस पहल ने 1,800 शेयरधारकों के साथ किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को भी बढ़ावा दिया है।
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ऊर्जा संरक्षण दिवस पर, दोहराई कार्बन उत्सर्जन कम करने की प्रतिबद्धता कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए हिंदुस्तान जिंक ने ऊर्जा संरक्षण दिवस पर अपने परिचालन में लगातार तीसरे वर्ष नो व्हीकल डे मनाया। कंपनी के सभी कर्मचारी और व्यावसायिक साझेदार सार्वजनिक परिवहन, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग, साइकिल या पैदल चलकर कार्यालय पहुंचे। ऊर्जा की खपत को अनुकूलित करने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए ऑटोमोबाइल प्रदूषण को कम करने के बारे में जागरूकता इसका बड़ा उद्देश्य था। सप्ताह में आयोजित नो व्हीकल डे के दौरान जिंक परिवार ने बिजली उपकरणों का सदउपयोग, ऊर्जा प्रबंधन पर प्रशिक्षण सत्र, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, साइकिल रैली जैसी विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर इसमें सक्रिय भूमिका निभायी। इन गतिविधियों में सभी ने उत्साह से भागीदारी की, उन्हें पर्यावरण-योद्धा बनने के लिए प्रेरित किया। वेदांता समूह की कंपनी और भारत में जिंक, सीसा और चांदी की सबसे बड़ी और एकमात्र एकीकृत उत्पादक हिंदुस्तान जिंक को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट द्वारा धातु और खनन क्षेत्र में शीर्ष 3 सस्टेनेबल कंपनियों में स्थान दिया गया है। जिम्मेदार विकास के प्रति कंपनी का समर्पण सस्टेनेबल लक्ष्य 2025 के माध्यम से प्रदर्शित होता है। नए युग की प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम सेे 2050 तक नेट शून्य उत्सर्जन के अपने मूल दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में कंपनी निरंतर अग्रसर हैं।