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RAJASTHAN

अधिकारियों ने घटिया निर्माण की गलत तरीके से की मॉनिटरिंग ,जिम्मेदार मौन

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ठेकेदार ने नगर पालिका अधिकारियो पर लगाए आरोप

नाथद्वारा में बन रहा हैं केंद्र सरकार का कृष्णा सर्किट

नाथद्वारा में इन दिनों तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं और नाथद्वारा धर्म नगरी होने के कारण केंद्र सरकार ने कुछ चुनिंदा जिलों में धर्म के क्षेत्र को देखते हुए प्रोजेक्ट दिए है। इनमे नाथद्वारा में भी कृष्णा सर्किट योजना का एक प्रोजेक्ट दिया है। 13 करोड़ की लागत से बनने वाले कृष्ण आर्ट में ऑडिटोरियम और सिनेमाघर का कार्य आधे से जयादा पूरा हो चूका है। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी नाथद्वारा के विकास को लेकर काफी प्रयास कर रहे है। 

केंद्र सरकार का कृष्णा सर्किट

केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट तहत बन रहे कृष्णा सर्किट हाउस के निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग को लेकर ठेकेदार हरीश टांक ने नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों,पर गंभीर आरोप लगाए है।  ठेकेदार हरीश टांक ने बताया कि इस तरह करोड़ के प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार हो रहा है सभी अधिकारी मिले हुए हैं और घटिया तरीके से कार्य किया जा रहा है। टांक ने कृष्णा सर्किट हाउस से सम्बंधित हो रहे मूल बेस से उठ रहे कोलम में भ्रष्टाचार होने का दावा कियाठेकेदार टांक का कहना है कि नीव की बेस में 120 कटे सीमेंट और 2 सरियों की जाली से बनता है।  लेकिन उसमे सिंगल सरिया जाली के साथ पत्थर भर के भरपाई की जा रही है इनका ये भी दावा है कि नीव की बेस को तोड़कर देखा जाए पत्थर ही निकलेंगे 

घटिया निर्माण की शिकायत ठेकेदार ने नगर पालिका चेयरमैन मनीष राठी को भी दी है जब शिकायत करने ठेकेदार आयुक्त के पास पहुंचा तो आयुक्त ने ठेकेदार से मीटिंग में होने का हवाला देकर मिलने से मना कर दिया 
ठेकेदार हरीश टांक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुझे यहां सरिया सेंटिंग का कार्य दिया गया है पहले मुझे सेटिंग और सरिए का कार्य करवाया जाता है जैसे ही इंजीनियर यहां साइट पर आता है उससे पहले मुझसे सारा काम सही तरीके से करवा दिया जाता है इंजीनियर जाने के बाद मुझसे सरिए और सेंटिंग खुलवा दी जाती है। और बेस की सरिया की जाली भी बाद में खुलवा दी जाती है ड्राइंग और नक्शे के अनुरूप यहां पर कार्य नहीं हो रहा है।  ड्राइंग में डबल जाली बेस पर लगाने को कहा है और सभी कॉलम में सिंगल जाली लगी हुई है और इसके अंदर पत्थर के बड़े-बड़े ब्लॉक भी डाल रहे हैं। जिससे यह जल्दी से जल्दी भर जाए और सरकार के पैसे हड़प सके। पीसीसी में भी सीमेंट कम डाली जा रही है।  गिट्टी रेती सीमेंट का मिश्रण भी ठीक से नहीं हो रहा है। जब मैंने इनसे कई बार इस कार्य को सही करने के लिए भी कहा तो मुझे इन्होंने कहा कि सभी अधिकारी वह प्रशासन मेरी जेब में रखता हूं कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता तुझे काम करना हो तो ठीक नहीं तो अपना बोरिया बिस्तर समैट और निकल यहां से बताया जा रहा है कि यह कार्य जयपुर की कंपनी किशोरी कंस्ट्रक्शन को दिया गया किशोरी कंट्रक्शन ने पावर ऑफ अटॉर्नी लेकर केएसपी इंफ्रा प्रोजेक्ट को दे दिया उसके नीचे सभी छोटी-बड़ी एजेंसी काम कर रही है इस मामले की जानकारी के लिए हम के केएसपी इंफ्रा प्रोजेक्ट के ठेकेदार से बात करनी चाही तो उन्होंने इस मामले में सभी बातों को झूठ बताते हुए उदयपुर न्यूज़ के रिपोर्टर को बाइट देने से इनकार कर दिया अब देखना यह होगा कि क्या इस प्रोजेक्ट में किया गया कार्य वास्तव में घटिया तरीके से किया है।  अगर किया है तो किसकी मॉनिटरिंग में हुआ है जो बंदा इसके अंदर पत्थर होने का दावा बता रहा है क्या यह बात सत्य है अगर है तो यह किसकी जिम्मेदारी बनती है यह बात अगर मीडिया के जरिए बाहर ना आती तो पब्लिक पैलेस कहां जाने वाला ऑडिटोरियम एक दिन बहुत बड़े हादसे का शिकार भी हो सकता है। इन सभी मामलों की जानकारी के बाद अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई करती हैं या फिर किसी जांच एजेंसी द्वारा इसकी संगीन तरीके से जांच कराई जाएगी

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