राजशाही ठाठबाट से भीण्डर में निकली गणगौर की सवारी
1 min readभीण्डर नगर में बीते कुछ वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार राजमहल भीण्डर व सनातन धर्मोत्सव सेवा समिति के सयुक्त तत्वाधान में राजशाही ठाठबाट से गणगौर माता की सवारी निकाली गई ।
बीते दो वर्ष कोरोना के कारण सवारी नहीं निकाली जा सकी थी । इस बार बैण्ड बाजो के साथ आयोजित सवारी में महिलाओं ने मंगल गितो के साथ हिस्सा लिया वहीं राजघराने के वारिश महाराज रणधीर सिंह भीण्डर परिवार के साथ पंरपरागत वेशभूषा में शामिल हुए ।
गणगौर माता की सवारी का नगरवासियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया । राजमहल में राजघराने की महिलाओं क्षत्राणियों द्वारा गणगौर माता की पूजा अर्चना करने के बाद सवारी सुरजपोल स्थित केलाश धर्मशाला पहुॅची जहा गणगौर माता को आम लोगो के दर्शन के लिए बिराजित किया गया जहा गणगौर माता का पंडितो द्वारा मंत्रोच्चार के साथ सामुहिक रूप से पूजा की गई जिसके बाद सवारी पुन: राजमहल पहुॅचकर प्रसाद वितरण के साथ समाप्त हुई ।
आयोजित शोभायात्रा की सुरक्षा को लेकर थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह देवल जाब्ते के साथ तैनाद रहे । भीण्डर में गणगौर डूंगरपुर राजघराने से लाई गई थी । उदयपुर दरबार में भीण्डर को १६ अमराव में माना जाता है । यहा की गणगौर को विशेष दर्जा प्राप्त है । गणगौर माता की सवारी देखने आस-पास ही नहीं अपितु दुर दराज के लोग पहुॅचते है ।