माड़साब की पिटाई ने किशोर को किया गांव छोड़ने को मजबूर, पे्रम केयर फाउंडेशन ने दुलारकर किया एसपी के सुपूर्द
1 min readस्कूल में अध्यापक की मार से एक बच्चा इतना भयभीत और आक्रोशित हो गया कि वह अनजाने में घर और अध्यापक से दूर भाग जाने के एक ऐसी बस में बैठ गया जिसके बारे में उसे यह तक पता नहीं था कि जिस बस में वह बैठ रहा है वह उसे कहाँ, किस शहर और प्रदेश में ले जायेगी, बस उसे तो अध्यापक का ऐसा खौफ बैठा कि वह यह सुध-बुध ही बैठा कि वह किस बस में बैठ कर कहाँ जा रहा है, लेकिन गनीमत यह रही कि यह बच्चा एक ऐसी में बैठा जिसके जरिये वह उदयपुर पहुँच गया और एक ऐसी संस्था के हाथ लग गया जहां यह बच्चा पूरी तरह सुरक्षित भी है और सकुशल है, वरना आज के समय में बच्चों के साथ क्या कुछ हो जाता है इससे आप भी अच्छी तरह से वाकिफ है,,,,
वीओ 1 स्कूल में अध्यापक का बच्चो में दर और भय होना वहां तक अच्छा लगता है कि कोई भी बच्चा अध्यापक के भय से सही तरीके से पढ़ाई-लिखाई करते हुए होमवर्क भी समय पर कर ले और वह सब अच्छे से याद कर ले जिसे अध्यापक याद करने को कहे, लेकिन ऐसा भय बच्चों में ना हो की वह अध्यापक की डांट-फटकार और मार के डर से अपना घर और शहर ही छोड़ने को मजबूर हो जाए,,,,और ऐसा ही कुछ हुआ मध्यप्रदेश के धार क्षेत्र के कपास्थल के रहने वाले एक छात्र के साथ, आठवीं क्लास में पढ़ने वाले इस छात्र को जब इसके अध्यापक ने मारा तो वह इतना भयभीत हो गया कि अपने घर जाने की बजाय बस स्टेण्ड पर पहुंचा और एक बस में बैठ गया, यह छात्र जिस बस में बैठा था वह बस उदयपुर पहुँच गई, जब यह छात्र बस से उतरा और यहां वहां भटकने लगा, तो छात्र पर शहर की प्रेम केयर फाउंडेशन के किसी सदस्य की नजर पड़ गई और वे उसे अपने साथ संस्था के कार्यालय में ले गए जहां उसे बिठाकर खाना खिलाया गया और उससे सारी जानकारी ली गई कि वह कहाँ का रहने वाला है यहां क्यों आया है, पूछताछ करने के बाद इस बच्चे को रात को वहीँ सुला दिया गया, सुबह संस्था के संचालक आशीष खत्री इसे उदयपुर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय लेकर पहुंचे जहां इस बच्चे को पुलिस के सुपुर्द किया गया ताकि कानूनी प्रक्रिया के तहत इस बच्चे को पुनः इसके माता-पिता का पता लगाकर उनके पास सकुशल पहुंचा दिया जाए,,,हालांकि बच्चा अभी डरा सहमा भी है जिसको पूरी तरह विश्वास में लेकर पुलिस उसके माता-पिता तक पहुंचाने का प्रयास करेगी