स्वतंत्रता सैनानी जैन का योगदान स्मरणीय – प्रो. माथुर
1 min readमेवाड़ इतिहास परिषद ,उदयपुर दिनांक 15 मई 2020
(स्वतंत्रता सैनानी जैन को श्रद्धांजली )
उदयपुर – जैन धर्म के अनुयायी स्वतंत्रता सैनानी सूजानमल जैन का सम्पूर्ण जीवन मानवमात्र की सेवा में समर्पित रहा, उन्होंने स्वयं के स्तर से जिन्नालय व गरीब छात्रों की शिक्षा के लिए पाठशालाये भी खुल वायी व देश की आजादी में सक्रिय भागीदारी अदा की हे।
उक्त विचार मेवाड़ इतिहास परिषद के अध्यक्ष इतिहासकार डॉ. गिरीश नाथ माथुर ने लोक डाउन के रहते ” स्वतंत्रता सेनानी सूजान मल जैन का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान ” विषयक ऑनलाइन संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए !
परिषद के महासचिव डॉ.मनोज भटनागर ने कहा की भारतीय रेल्वे में अफसर रहे सुजानमल जैन ने वर्ष 1942 में महात्मा गाँधी के साथ देश की आजादी की लड़ाई के दौरान 07 दिन जेल में रहे और आजादी के आंदोलन में भाग लिया। वे रेल्वे में कार्यरत रहते हुए भी अंग्रेज सरकार के विरुद्ध कर्मचारियों के हितों के लिए सदैव संघर्षरत रहे। परिषद की डॉ. संगीता भटनागर ने बताया की सुजानमल जेन धार्मिक प्रवृति के अच्छे वक्ता व लेखक होने के साथ कई धार्मिक संस्थाओ के प्रतिनिधि रहे। संगोष्ठी संयोजक शिरीष नाथ माथुर ने सुजानमल जैन के योगदान का स्मरण कराते हुए कहाँ की देश सदैव उनका ऋणि रहेगा। संगोष्ठी में सावित्री देवी भटनागर ,इतिहासकार डॉ जे.के.ओझा ,डॉ .राजेन्द्र नाथ पुरोहित , जोधपुर से कायस्थ समाज के प्रतिनिधि सत्यनारायण राय, हैदराबाद से रसायन शास्त्री डॉ.सी.के. राय ,उत्कर्ष भटनागर ने भी सुजानमल जैन को श्रद्धांजली अर्पित की।