सालाना राजस्व में अब तक की अधिकतम बढ़ोतरी दर्ज की, सालाना EBITDA भी अब तक के दूसरे सर्वोच्च स्थान पर o अब तक का अधिकतम समेकित राजस्व दर्ज किया, जो 10 फीसदी सालाना बढ़ोतरी के बाद रु 150, 725 करोड़ तक पहुंचा o पूरे साल का EBITDA अब तक के दूसरे सर्वोच्च स्तर पर, 37 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी के साथ रु 43541 करोड़ पर पहुंचा o तिमाही का EBITDA 30 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर रु 11618 करोड़ पर पहुंचा o तिमाही में कर के बाद मुनाफ़ 118 फीसदी बढ़कर रु 4961 करोड़ पर पहुंचा o वित्तीय वर्ष 24 के अंत तक शुद्ध ऋण/ EBITDA में क्रमशः 1.2 गुना और 1.5 गुना सुधार दर्ज किया गया नई दिल्ली, 05 मई, 2025: वेदांता लिमिटेड (बीएसईः 500295, एनएसईः वीईडीएल) ने आज 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाली चौथी तिमाही एवं पूरे वर्ष के लिए अपने समेकित परिणामों की घोषणा की है। वेदांता ने वित्तीय वर्ष 25 में मजबूत आर्थिक आंकड़े दर्ज किए, इस अवधि के दौरान कपंनी का राजस्व 10 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर अब तक के सर्वोच्च रु 1,50, 725 करोड के आंकड़े पर पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 25 के दौरान कंपनी का EBITDA भी 37 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर रु 43,541 करोड़ पर पहुंच गया, जो कंपनी के लिए अब तक का दूसरा सर्वोच्च स्तर है। इस अवधि के दौरान कर के बाद मुनाफ़ा (पीएटी) 172 फीसदी उछाल के साथ रु 20,535 करोड़ के आंकड़े को छू गया। चौथी तिमाही में कंपनी का राजस्व 14 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर अब तक के अधिकतम रु 39,789 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गया। इस दौरान EBITDA भी 30 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर रु 11,618 करोड़ पर आ गया। वहीं EBITDA मार्जिन की बात करें तो यह 35 फीसदी2 रहा, जो पिछली 12 तिमाहियों में सबसे अधिक 465 बीपी सालाना वृद्धि है। तिमाही के दौरान कंपनी का मुनाफ़ा 118 फीसदी सालाना बढ़कर रु 4961 करोड़ पर पहुंच गया। इस अवधि के दौरान रु 7814 करोड़ के फ्री कैश-फ्लो (प्री-कैपेक्स) के चलते वेदांता के नकद और नकद समकक्ष में भी 34 फीसदी का सुधार आया है। साल के दौरान वॉल्युम के विस्तार और आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण के चलते कंपनी का कुल पूंजी व्यय रु 12626 करोड़ रहा। तिमाही के दौरान शुद्ध ऋण कम होकर रु 53,251 करोड़ पर पहुंच गया, वहीं शुद्ध ऋण/ EBITDA 1.2 गुना हो गया (जो दिसम्बर 24 में 1.4 गुना था)। वेदांता की क्रेडिट रेटिंग को क्रिसाइल और आईसीआरए दोनों ने अपग्रेड कर एए कर दिया है। कंपनी का एलुमिनियम उत्पादन अब का अधिकतम 2422 किलोटन दर्ज किया गया। भारत में कंपनी के ज़िंक संचालन की बात करें तो अब तक का अधिकतम खनन 1095 किलोटन और रिफाइन्ड धातु उत्पादन 1052 किलोटन दर्ज किया गया। वेदांता के लौह अयस्क कारोबार ने भी 6.2 मीट्रिक टन उत्पादन के साथ 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है, वहीं कॉपर कारोबार में कॉपर कैथोड़ का सालाना उत्पादन 149 किलोटन रहा है। वित्तीय वर्ष 25 की चौथी तिमाही के परिणामों पर बात करते हुए श्री अरूण मिश्रा, एक्ज़क्टिव डायरेक्टर, वेदांता लिमिटेड ने कहा, ‘‘वित्तीय वर्ष 25 की चौथी तिमाही में शानदार परिणामों की घोषणा करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, ये परिणाम संचालन में अनुशासन पर हमारे फोकस को दर्शाते हैं। इस तिमाही के साथ हमने वित्तीय वर्ष 25 में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, हमने न सिर्फ एलुमिनियम और ज़िंक के लिए अब तक का अधिकतम सालाना वॉल्युम दर्ज किया, बल्कि उत्पादन की लागत में भी काफी कमी लेकर आए हैं। ज़िंक इंडिया सीओपी और एलुमिनियम में एक्स-एलुमिना सीओपी चार साल के नीचले स्तर तक पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 26 में भी हम विकास और दक्षता पर फोकस करेंगे। हम लांजीगढ़ रिफाइनरी के विस्तार और उड़ीसा में सिजीमली बॉक्साईट खान जैसी परियोजनाओं के बदलाव को गति प्रदान कर रहे हैं, जो अगले वित्तीय वर्ष में हमारी लागत की स्थिति में बहुत अधिक सुधार लेकर आएंगे। वित्तीय वर्ष 26 में कई विस्तार योजनाएं पूरी होंगी, ऐसे में हमें विश्वास है कि आने वाला साल और भी मजबूत होगा। हम मार्केट में हो रहे बदलावों के अनुसार लम्बी अवधि में मूल्य-सृजन के अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रयासरत हैं।’’ श्री अजय गोयल, सीएफओ, वेदांता ने कहा, ‘‘इस तिमाही वेदांता ने शानदार फाइनैंशियल परफोर्मेन्स देते हुए तब तक का अधिकतम राजस्व रु 39,789 करोड़ दर्ज किया। इस दृष्टि से कंपनी ने 14 फीसदी सालाना की बढ़ोतरी दर्ज की। इसी तरह EBITDA भी 30 फीसदी सालाना बढ़ोतरी के साथ रु 11618 करोड़ तक पहुंच गया। पिछली 12 तिमाहियों में EBITDA मार्जिन 35 फीसदी रहा है। कर के बाद मुनाफ़ा 118 फीसदी सालाना बढ़ोतरी के बाद रु 4961 करोड़ पर पहुंच गया। संचालन दक्षता, लागत अनुकूलन तथा मार्केट में हो रहे बदलावों पर निरंतर फोकस करते हुए हमने ये शानदार परिणाम दर्ज किए हैं। इसके अलावा वेदांता लिमिटेड की बैलेंस शीट में चौथी तिमाही में ~500 मिलियन डॉलर की कमी आई है, और अंतिम शुद्ध ऋण 6.2 बिलियन डॉलर रहा है। ऋण में 1.2 गुना तक का सुधार हमारी आर्थिक नींव को और मजबूत बनाता है।’
Please find the press release on zinc batteries attached herewith. हिंदुस्तान जिंक ने उभरती जिं़क बैटरी तकनीक में अनुसंधान को आगे बढ़ाया ऽ आईआईटी मद्रास और जेएनसीएएसआर बेंगलुरु के साथ रणनीतिक गठबंधन अगली पीढ़ी के, सस्टेनेबल एनर्जी स्टोरेज सोल्यूशंस को आगे बढ़ाएगा उदयपुर, 5 मई 2025। भारत की एकमात्र और दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक, कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड ने अगली पीढ़ी की जिंक-आधारित बैटरी तकनीकों के अनुसंधान में शुरुआती सफलता देखती है। अनुसंधान का लक्ष्य हाई एनर्जी क्षमता, बेहतर सुरक्षा और लंबी परिचालन अवधि प्रदान करना है। कंपनी क्लीन एनर्जी ट्राजिंशन में सहयोग के लिए उभरती जिंक बैटरी तकनीक का नेतृत्व कर रही है। जिं़क अपनी प्रचुरता, स्थिरता और लागत प्रभावशीलता के कारण लिथियम के शक्तिशाली विकल्प के रूप में उभरा है। जबकि लिथियम बाजार में आपूर्ति की कमी और बढ़ती लागत का सामना करना पड़ रहा है, जिंक-आधारित प्रणालियाँ भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं के लिए अधिक किफायती और भू-राजनीतिक रूप से सुरक्षित मार्ग प्रस्तुत करती हैं। जिंक आधारित बैटरियों को उनकी बेहतर सुरक्षा (गैर-ज्वलनशील), लंबी साइकिल लाइफ, व्यापक तापमान संचालन और पुनर्चक्रणीयता के लिए तेजी से पहचाना जा रहा है। वे 3 से 72 घंटों के लिए भरोसेमंद बैकअप पावर प्रदान करते हैं, गैर-खतरनाक कच्चे माल का उपयोग करते हैं और पारंपरिक तकनीकों की तुलना में ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) पदचिह्न लगभग छह गुना कम है। एयरोस्पेस, समुद्री, नवीकरणीय ऊर्जा, डेटा सेंटर, 5 जी नेटवर्क और मिशन-क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे उच्च मांग वाले क्षेत्रों में जिंक आधारित सामग्रियों का सिद्ध उपयोग उनकी विश्वसनीयता और अनुकूलनशीलता को और मजबूत करता है।इस दिशा में, हिंदुस्तान जिंक ने आईआईटी, मद्रास और जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलुरु के साथ मिलकर सस्टेनेबल एनर्जी स्टोरेज सोल्यूशंस विकसित करने के लिए सहयोग किया है। प्रारंभिक चरण के शोध निष्कर्ष महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति और भविष्य की व्यावसायिक मापनीयता की संभावना का संकेत देते हैं। दुनिया बैटरी उद्योग में तेजी से विकास देख रही है और जिंक-आधारित बैटरियों में टिकाऊ ऊर्जा भंडारण समाधान बाजार को बदलने की क्षमता है।अगस्त 2024 में जेएनसीएएसआर के साथ एमआयू के तहत, हिन्दुस्तान जिं़क, जिंक-आयन बैटरी के विकास को आगे बढ़ा रहा है। प्रो. प्रेम सेनगुट्टुवन ने इस बारे में कहा कि, “टीम उन्नत इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ मिलकर नए जिंक एनोड फॉर्मूलेशन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हमने इलेक्ट्रोड / इलेक्ट्रोलाइट इंटरफेस इंजीनियरिंग में उल्लेखनीय प्रगति की है, जो बहुत उत्साहजनक है”। इसके पूरक के रूप में, अक्टूबर 2024 में औपचारिक रूप से आईआईटी मद्रास के साथ एक दूसरा सहयोग, 6/12-सेल स्टैक का उपयोग कर 1 किलोवॉट रिचार्जेबल जिंक-एयर बैटरी मॉड्यूल के डिजाइन को लक्षित कर रहा है। केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अरविंद कुमार चंदिरन के नेतृत्व में यह परियोजना रिचार्जेबिलिटी, संरचनात्मक अखंडता, इंटरफेस स्थायित्व और समग्र बैटरी दीर्घायु को प्राथमिकता देती है। विकास पर प्रो. चंदिरन ने कहा कि, ये बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रिड-स्केल ऊर्जा भंडारण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक उभरता हुआ समाधान हैं। ब्लूमबर्गएनईएफ की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक ऊर्जा भंडारण बाजार में 21 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि होने का अनुमान है, जो 2030 तक 442 गीगावॉट घंटे तक पहुंच जाएगा। हिन्दुस्तान जिं़क के चल रहे नवाचार प्रयास इस बढ़ती मांग को पूरा करने के साथ-साथ भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिए अच्छी तरह से संरेखित हैं। हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि, बैटरी सेगमेंट नवाचार के लिए तैयार है क्योंकि दुनिया लंबे समय तक चलने वाले और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रही है। हिन्दुस्तान जिं़क में हम जिंक जैसी महत्वपूर्ण धातुओं के उत्पादन के माध्यम से इस बदलाव का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। भारत के दो प्रमुख शोध संस्थानों के साथ हमारा सहयोग अत्याधुनिक नवाचारों को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो ऊर्जा भंडारण के भविष्य को फिर से परिभाषित कर सकते हैं। बैटरियों में ऊर्जा भंडारण के माध्यम से इस बदलाव को तेज करने की क्षमता है और हमारा लक्ष्य मूल्य श्रृंखला में जिम्मेदार नवाचार और दीर्घकालिक प्रभाव को बढ़ावा देना है। हिन्दुस्तान जिं़क अपनी धातुकर्म विशेषज्ञता और उन्नत इलेक्ट्रोविनिंग क्षमताओं का लाभ उठाकर नवाचार को बढ़ावा दे रहा है। कंपनी बैटरी क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए वाणिज्यिक-ग्रेड इलेक्ट्रोड और प्रदर्शन योजक सहित महत्वपूर्ण सामग्रियों के साथ दक्षता का भी उपयोग कर रही है। हिन्दुस्तान जिं़क औद्योगिक पैमाने पर उत्पादन के लिए इन प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने में उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है। कंपनी ने अत्याधुनिक निकल-जिं़क बैटरी टेक्नोलॉजी के लिए प्रमुख अमेरिकी बैटरी निर्माता एईसिर टेक्नोलॉजीज के साथ एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं। तकनीकी इनपुट, विशेष वाणिज्यिक मिश्र धातु और उद्योग संबंध प्रदान कर, हिन्दुस्तान जिं़क प्रयोगशाला की सफलता से इसे हकीकत में लाने की ओर तेजी से आगे बढ़ा रहा है। वेदांता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिं़क उत्पादक और तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक है। कंपनी 40 से अधिक देशों को आपूर्ति करती है और भारत में प्राथमिक जिं़क बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 75 प्रतिशत है। हिन्दुस्तान जिं़क को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 द्वारा लगातार दूसरे वर्ष मेटल और माइनिंग श्रेणी में विश्व की सबसे सस्टेनेबल कंपनी के रूप में मान्यता दी गई है। कंपनी ने इकोजेन एशिया का पहला कम कार्बन वाला ग्रीन जिंक ब्रांड भी लॉन्च किया है, जो रिन्यूएबल एनर्जी के उपयोग से बनाया गया है। मेटल और माइनिंग में अग्रणी कंपनी के रूप में, हिन्दुस्तान जिं़क सस्टेनेबल भविष्य के लिए ग्लोबल एनर्जी ट्राजिंशन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण धातुएँ प्रदान कर रहा है।
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