नारायण सेवा संस्थान का 37 वां दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह हुआ सम्पन्न ।
1 min readनारायण सेवा संस्थान के 37 वे निःशुल्क दिव्यांग एवं निर्धन युवक-युवती सामूहिक विवाह समारोह में रविवार के दिन लियो का गुड़ा स्थित संस्थान के सेवा महातीर्थ में 21 जोड़ों ने पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर फेरे लिए । गणपति पूजन के साथ शुभ विवाह की प्रारंभिक विधियां आरंभ हुई । विवाह समारोह के दौरान संस्थान परिसर में दूल्हा दुल्हन की बिंदोली निकाली गई जिसमें बैंड बाजों की धुन पर जमकर ठुमके लगाए गए बाद में सभी दुल्हों ने क्रम से तोरण की रस्म अदा की वही मेहंदी रस्म के दौरान विभिन्न राज्यों से आई महिला अतिथियों ने ढोलक की थाप पर मेहंदी के परंपरागत गीत नृत्य की मनोहर प्रस्तुतियां दी। उसके बाद स्टेज पर गुलाब की पंखुड़ियों की बौछार के बीच नव युगलों ने परस्पर वरमाला पहनाई । तत्पश्चात 21 वेदी- कुंडों पर उपस्थित आचार्य ने वैदिक विधि से पाणिग्रहण संस्कार संपन्न करवाया । दुल्हने डोली में बैठकर साजन के घर जाने के लिए संस्थान परिसर से बाहर आई वही अतिथियों द्वारा उपहारों के साथ नव दंपति को खुशी-खुशी अपने घरों के लिए विदा किया गया । जहां दूल्हे व उनके परिवार जन मौजूद रहे । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ संस्थान संस्थापक पदम श्री कैलाश मानव, कमला देवी अग्रवाल ,अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ,वंदना अग्रवाल एवं कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। वही मंच का संचालन महिम जैन ने किया।उदयपुर नारायण सेवा संस्थान के 37 वे निःशुल्क दिव्यांग एवं निर्धन युवक-युवती सामूहिक विवाह समारोह में रविवार के दिन लियो का गुड़ा स्थित संस्थान के सेवा महातीर्थ में 21 जोड़ों ने पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर फेरे लिए । गणपति पूजन के साथ शुभ विवाह की प्रारंभिक विधियां आरंभ हुई । विवाह समारोह के दौरान संस्थान परिसर में दूल्हा दुल्हन की बिंदोली निकाली गई जिसमें बैंड बाजों की धुन पर जमकर ठुमके लगाए गए बाद में सभी दुल्हों ने क्रम से तोरण की रस्म अदा की वही मेहंदी रस्म के दौरान विभिन्न राज्यों से आई महिला अतिथियों ने ढोलक की थाप पर मेहंदी के परंपरागत गीत नृत्य की मनोहर प्रस्तुतियां दी। उसके बाद स्टेज पर गुलाब की पंखुड़ियों की बौछार के बीच नव युगलों ने परस्पर वरमाला पहनाई । तत्पश्चात 21 वेदी- कुंडों पर उपस्थित आचार्य ने वैदिक विधि से पाणिग्रहण संस्कार संपन्न करवाया । दुल्हने डोली में बैठकर साजन के घर जाने के लिए संस्थान परिसर से बाहर आई वही अतिथियों द्वारा उपहारों के साथ नव दंपति को खुशी-खुशी अपने घरों के लिए विदा किया गया । जहां दूल्हे व उनके परिवार जन मौजूद रहे । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ संस्थान संस्थापक पदम श्री कैलाश मानव, कमला देवी अग्रवाल ,अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ,वंदना अग्रवाल एवं कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। वही मंच का संचालन महिम जैन ने किया।