हैवानियत भी शर्मसार – मां सीता की धरा पर गर्भवती की अग्निपरीक्षा!
1 min readरिपोर्ट – हितेश पालीवाल
प्रतापगढ़ जिले का धरियावद कस्बा, अपने आप में काफी ऐतिहासिक है। कांठल, मेवल, मेवाड़, वागड़ इलाके के लांखों लाख लोग यहां के घने वन्यजीव अभयारण्य को सीता माता का पवित्र स्थल मानकर पूजते हैं। माना जाता है कि त्रेता युग अर्थात् रामायण काल में प्रभु राम द्वारा बहिष्कृत कर दिए जाने के बाद सीता माता ने यहां महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में न केवल निवास किया , बल्कि उनके दोनों पुत्र लव और कुष का जन्म भी यहीं हुआ। यहां तक की माता सीता अंततः जहां भूगर्भ में समाई , वह स्थान भी इसी अभयारण्य में बताते है। सैंकडों सालों से मां सीता के संबंध में इतनी प्रबल लोक मान्यताओं के चलते वन्यजीव अभयारण्य का नामकरण सीतामाता के नाम पर किया गया। जिस इलाके में महिलाओं का इतना सम्मान होता है, वहां पर ही अगर किसी महिला का घोर अपमान हो तो वह घटना पूरे इलाके को ही शर्मसार कर देती है। जीहां इस घटना ने मानवता हो ही मार दिया, जिसने इंसानियत की सारी हदों को पार कर दिया। धरियावद इलाके में एक गर्भवती महिला को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। हालाकि घटना के बाद पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर पंहुच गया और अपराधियों को हिरासत में लेने की कोशिशे शुरू हो गई हैं लेकिन इस घटना ने समूचे दक्षिणी राजस्थान को शर्मसार कर दिया है
‘‘मां सीता की धरती पर गर्भवती की अग्निपरीक्षा!’’
प्रतापगढ़ जिले के धरियावद उपखण्ड क्षेत्र में गर्भवती महिला के साथ हैवानियत सामने आई है। जिस महिला के साथ यह शर्मसार करने वाली घटना हुई उसकी शादी एक साल पहले ही उसी गांव के युवक के साथ हुई थी। पति बाहर मजदूरी करने गया पीछे से महिला दूसरे गांव में प्रेमी युवक के साथ चली गई।
पति को जानकारी मिली तो ससुराल वालों ने महिला को पकड़ लिया। बाद में पति ने गांव वालों के सामने ही महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया व मारपीट की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। महिला चींखती रही और बचाने की गुहार लगाती रही, लेकिन तमाशबीन लोग बचाने की जगह वीडियो बनाते रहे।
कोई इस क्रूर पति को रोकने की हिम्मत नहीं कर पाया। गर्भवती निर्वस्त्र महिला कोे एक किलो मीटर दूर गांव तक दौड़ाया गया। यह सूचना आग की तरह फैली और पूरे देश सहित राजस्थान की राजधानी जयपुर तक पंहुच गई। सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस मुख्यालय से डीजी उमेष मिश्रा ने एडीजी क्राईम दिनेश एम.एन. को प्रतापगढ़ भेजा, जहां एमएन दिनेष ने प्रेसवार्ता कर बताया की शर्मसार करने वाली इस घटना में ग्यारह आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है जिनमें से सात को गिरफ्तार और चार को डिटेन किया गया है।
त्रेता युग में जनता के शक करने पर मां सीता को भी अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी और लोकलाज की वजह से राम भगवान होते हुए भी कुछ नहीं कर पाए । लेकिन कलयुग में एक गर्भवती महिला को उसके ही पति ने परिजनों के साथ मिलकर निर्वस्त्र कर दिया और पूरे गांव में घुमाया। हैवानियत को भी शर्मसार करने वाली इस घटना को रोकने की हिम्मत कोई नहीं कर पाया, जनता तमाशबीन बनकर वीडियो बनाती रही। 8 घण्टे तक यह वीडियो जमकर वायरल हुआ लेकिन प्रशासन ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की। इस बात से खफा भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को उदयपुर की जिला कलेक्ट्री पर धरना प्रदर्षन किया और जिला कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार को खूब आड़े हाथों लिया।
महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने की इस घटना ने एक तरफ जहां पूरे राजस्थान को हिलाकर रख दिया, वहीं राजनीतिक दलों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिंह लगाते हुए खूब आड़े हाथों लिया। दूसरी तरफ भीलवाड़ा दौरे पर पंहुचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तुरंत अपना दौरा निरस्त करते हुए धरियावद की तरफ कूच किया। गहलोत ने साफ किया की सभ्य समाज में ऐसे अपराधियों की कोई जगह नहीं है। फास्ट ट्रेक कोर्ट में केस चलाकर अपराधियों को जल्द सजा दिलाई जाएगी। धरियावद में गहलोत पीड़िता से मिले और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर जल्द न्याय दिलाने का आश्वासन दिया, वहीं प्रषासनिक अधिकारियों से मामले की सारी अपडेट ली।
बांसवाड़ा संभाग के प्रतापगढ़ जिले के धरियावाद कस्बे में शर्मसार करने वाली इस घटना ने पूरे प्रदेष को झकझौर कर रख दिया, 24 घण्टों के अंदर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामले में लिप्त आरोपियों की गिरफ्तारियां भी शुरू कर दी। लेकिन 21 वीं सदी के इस चेहरे ने हर किसी की रूह कम्पा दी है।
त्रेता युग से कलयुग तक भी महिलाओ पर अत्याचार हमारी आज की समाज व्यवस्था की असलियत उजागर करती है, महिलाओं को लज्जित करने सहित ऐसे जघन्य अपराधों में सभी राजनीतिक दलों को आरोप – प्रत्यारोप लगाने की बजाए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा कैसे मिले इस पर काम करना चाहिए। सियासत करने के तो कई मुद्दे है। ऐसे मसलों पर सियासत नहीं बल्कि एकजुट होने की जरूरत है। ताकी आगे से किसी भी महिला का चीरहरण न हो और न ही किसी महिला को अग्निपरीक्षा देनी पड़े।