हिंदुस्तान जिंक और वन विभाग ने किया पौधारोपण
1 min readप्रवासी पक्षी पामणों के लिए तैयार हो रहे फतहसागर में टीलें
हिंदुस्तान जिंक और वन विभाग ने किया पौधारोपण
पीपल, अर्जुन, मोरसली, बड़ और फाईकस के 10-12 फिट के पौधे देंगें पक्षियों को आशियाना
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा फतहसागर क्षमतावर्धन परियोजना के लिए बरसात से पूर्व फतहसागर के पेटे में चलाऐ गये क्षमतावर्धन कार्य के बाद अब वहां टीलें बनाने और पक्षियों को आशियाना प्रदान करने के लिए हिन्दुस्तान जिंक और वन विभाग द्वारा यूआईटी के सहयोग से पौधारापण किया गया। गौरतलब है कि पर्यावरण दिवस के मौके पर इस परियोजना के अवलोकन के दौरान जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी, तत्कालीन यूआईटी सचिव उज्जवल राठौड़, निदेशक माइंस एण्ड जियोलाॅजी जेके उपाध्याय, झील सरंक्षण समिति के अध्यक्ष तेज राजदान, अनिल मेहता, हिन्दुस्तान जिंक निदेशक कामर्शियल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी फर्टिलाईज़र अमिताभ गुप्ता, डायरेक्टर ऑपरेशन्स लक्ष्मण शेखावत एवं अन्य झील प्रेमियों ने झील सरंक्षण के बारें में चर्चा की थी जिसमें फतहसागर में पर्यावरण सरंक्षण के लिए झील में 15 से 20 फिट ऊंचे माउंड बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। इसका उद्देश्य प्रवासी पक्षियों को आश्रय और पर्यावरण सरंक्षण है।
इस परियोजना में सहयोग करते हुए मंगलवार को हिन्दुस्तान जिंक द्वारा यूआईटी, झील सरंक्षण के सदस्यों ने 10 से 12 फिट के पीपल, अर्जुन, मोरसली, बड और फाईकस के पौधे लगाए जो कि तेजी से विकसित हो सकेंगें। 4 से 5 वर्ष के इन पौधों को जानवरों से नुकसान का खतरा भी नहीं होगा और हरियाली भी जल्दी होगी। हिन्दुस्तान जिंक की ओर से हेड कार्पोरेट अफेयर्स केसी मीणा, पर्यावरण एवं सेफ्टी अधिकारी वीपी जोशी, यूआईटी से अधिक्षण अभियंता संजीव शर्मा, तकनीकी सलाहकार बीएल कोठारी, अधिशाषी अभियंता गेरीलाल शर्मा, कनिष्ठ अभियंता निर्मल सुथार ने पौधारोपण किया।
हिन्दुस्तान जिंक का सस्टेनेबिलिटी हमेशा मुख्य ध्येय रहा है और जल संरक्षण हमारी प्राथमिकता रही है, यह देखते हुए कि हम राजस्थान के कम जलस्तर वाले शहरों में से एक हैं और हमारी झीलें हमारे प्राण है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखते हुए और सामुदायिक सेवा पहल के तहत, नगर विकास प्रन्यास के साथ मिलकर कंपनी ने फतेहसागर झील और पर्यावरण सरंक्षण की पहल की है।