प्रतापगढ के न्यायाधीश के फैसले ने पेश की अनूठी मिसाल
1 min readइन दिनों संभाग के प्रतापगढ़ जिले की कोर्ट का फैसला काफी चर्चाओं में है। दरअसल पेड़ों की कटाई के आरोपियों को ऐसी सजा देकर जमानत पर छोड़ा गया हैकि वह समाज के लिए मिसाल बन गई. आपको बता देकि आरोपियों पर करीब 27 पेड़ों को काटने का केस चल रहा था, इस पर मााननीय न्यायाधीश ने 270 पेड़ लगाने की शर्त पर उन्हें रिहा कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को उनके द्वारा काटे गए 27 पेड़ों के बदले अब 270 पेड़ लगाने होंगे और तीन माह बाद उनके जीवित रहने का प्रमाण पत्र भी कोर्ट में पेश करना होगा. यह पहला मौका होगा जब कोर्ट ने पेड़ लगाने की शर्त पर अभियुक्तों को जमानत पर भेजा है. जिला एवं सेशन कोर्ट में वन अधिनियम की धारा 41 और 42, आईपीसी की धारा 379 और पीडीपीपी एक्ट की धारा 3 के तहत प्रतापगढ़ जिले के बजरंगगढ़ गांव निवासी रामा तेली, जसवंत धोबी, दिनेश तेली और मोहम्मद हुसैन पर मुकद्दमा चल रहा था. आरोपियों ने वन विभाग की ओर से बड़ी राशि खर्च कर सरकारी भूमि पर लगाए गए पेड़ों को काटा था. सुनवाई के दौरान जिला एवं सेशन जज ने ऐसी बात कही, जिसने समूचे समाज को पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया. जज ने आरोपियों को इस शर्त पर जमानत दी कि वे काटे गए 27 पेड़ों के बदले 270 पेड़ लगाएंगे. तीन माह पश्चात यह चेक किया जाएगा कि ये पेड़ जिंदा है या नहीं. इसके लिए जियो टेगिंग भी की जाएगी. इनके जीवित होने का प्रमाण पत्र तीन माह बाद कोर्ट में पेश करना होगा और वन विभाग भी इसकी निगरानी करेगा।