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शिक्षा संकाय में गांधी एवं शास्त्री जयंती पर वेबीनार का आयोजन

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ऊर्जा संरक्षण ,जल संरक्षण एवं व्यर्थ प्रबंधन पर शीघ्र ही रोड मैप बनाया जाएगा – कुलपति मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय

                                                       

शिक्षा संकाय मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद(MGNCRE), उच्च शिक्षा मंत्रालय ,भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में 152 वी गांधी जयंती के उपलक्ष्य में “अध्यापक शिक्षा में आनुभाविक अधिगम एवं कौशल विकास: गांधीवादी विरासत” विषय पर एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया l प्रो सी आर सुथार अध्यक्ष , शिक्षा संकाय ने स्वागत उद्बोधन दिया , डॉ अल्पना सिंह क्षेत्र समन्वयक एवं शिक्षा संकाय प्रमुख प्रमुख ने विषय की प्रासंगिकता बताते हुए गांधी जी के 3H(Hand,Heart, Harmony) की बात कही। आपने शिव परिवार के सभी सदस्यों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए समन्वय एवं समायोजन के महत्व को समझाया एवं गांधी दर्शन एवं मूल्य अति प्रमुख है । कार्यक्रम में प्रो‌ अमेरिका सिंह ,माननीय कुलपति मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने कहा कि विद्यार्थियों के कौशल विकास ध्यान देने एवं उसे व्यवसायिक रूप से तैयार करने की बात कही । पूरे राजस्थान में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय आदि का प्रारंभ किया जा रहा है ।गांधीजी के दर्शन, प्रेम, शिक्षा , मूल्य को समझना होगा और उनकी बातों को जीवन शैली में उतारना होगा । मुख्य वक्ता श्री W G प्रसन्ना कुमार अध्यक्ष MGNCRE, ने कहा कि गांधी जी ईश्वर नहीं है लेकिन उनकी विचारधारा जीवन में होनी चाहिए । अनुभवजन्य शिक्षा हेतु स्वच्छ भारत की बात कही है। स्वच्छता पर हमें केंद्रित होना होगा। हम स्वयं के साथ-साथ समाज की भी सुरक्षा करें और आपने व्यवसायिक शिक्षा, एक जिला एवं एक उत्पादन की बात कही l आपने ऊर्जा संरक्षण जल संरक्षण एवं व्यर्थ प्रबंधन की बात कही जिसे माननीय कुलपति ने स्वीकार करते हुए रोड मेप की बात कही । मुख्य अतिथि प्रो एम पी शर्मा सेवानिवृत्त आचार्यVBGSTC, ने अपने उद्बोधन में कहा कि गांधी जी की शिक्षा वर्तमान में प्रासंगिक है हमें लगातार किया पर नजर रखनी होगी । गांधीजी ने नई तालीम पर जो विचार रखे हैं, उन्हें समझना आवश्यक होगा। शिक्षा दर्शन, समग्र विकास और बुनियादी शिक्षा पर जोर दिया ।हम सभी को अनुभवजन्य शिक्षा और वास्तविक शिक्षा को प्रधानता देनी होगी । एकतरफा शिक्षण को अनुभवजन्य शिक्षण में बदलना होगा । गांधीवादी मूल्यों को प्रोत्साहित करें । साधना, उद्यमशीलता ,कार्य के प्रति श्रद्धा, स्वच्छता आदि को स्थान देना होगा । विशिष्ट अतिथ डॉ अनिल मेहता, प्राचार्य तकनीकी महाविद्यालय विद्या भवन ने जल एकत्रीकरण एवं संरक्षण, कचरा प्रबंधन ,ऊर्जा संरक्षण, वृक्षारोपण आदि के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किए। प्रो प्रभा बाजपेयी, प्राचार्य RMTT , ने सत्य, अहिंसा, नैतिकता, सत्याग्रह की बात कही । समग्र विकास में संपूर्ण शिक्षा आवश्यक है ।आज के बालक अवसाद से ग्रस्त हैं, अतः गांधी जी के उद्देश्यों को अपनाना अनिवार्य है ।डॉ अनिल कुमार दुबे राज्य समन्वयक,VENTEL,MGNCRE ने धन्यवाद दिया ।कार्यक्रम का संयुक्त संचालन डॉ कुमुद पुरोहित एवं श्रीमती तमन्ना सोनी द्वारा किया गया।कार्यक्रम में अन्य संकाय के अधिष्ठाता, प्रमुख, संकाय सदस्य, विद्यार्थी, संबंध महाविद्यालय के प्राचार्य एवं प्राध्यापक गण भी उपस्थित रहे

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