सत्तुबाई की मदद को आगे आए फतहसिंह, पुलिस जांच में जुटी
1 min readउदयपुर शहर से सबसे पास की पंचायत बेदला के पुराना अस्पताल चौक पर स्थित एक भुखण्ड की खबर उदयपुर न्यूज पर दिखाए जाने के बाद सुखेर थाना पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। इस मसले पर डिप्टी जितेंद्र आंचलिया ने एसएचओ मुकेश सोनी से बात करने की जानकारी भी दी है। वहीं जब उदयपुर न्यूज की टीम शुक्रवार को बेदला पंहुची तो ग्रामवासियों ने यह तो माना की भुखण्ड सत्तुबाई राठौड़ का ही है और दबंगों ने इस पर कब्जा कर रखा है। लेकिन दबंगों के खौफ के आगे कोई भी कैमरे के सामने नहीं आया। वहीं इलाके के जांबाज जनप्रतिनिधि और शहर कांग्रेस के निवर्तमान ब्लॉक अध्यक्ष फतहसिंह राठौड़ ने बताया कि सत्तुबाई राठौड़ के साथ वह हमेशा है और यह भुखण्ड भी इन्हीं का है, बड़गांव उप प्रधान प्रतापसिंह राठौड़ के पड़ोस में ही यह भुखण्ड है और बुजूर्ग महिला सत्तु बाई उनके रिश्ते में भी लगती है तो उन्हें भी जनप्रतिनिधि होेने के नाते आगे आना चाहिए। सत्तुबाई को 2018 में पंचायत ने आवासीय पट्टा दिया था, इस नाते तत्कालिन सरपंच नरेश प्रजापत को भी उनके समर्थन में आना चाहिए। क्षेत्र में असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए सुखेर पुलिस को कार्रवाई कर उन्हें पाबंद करना चाहिए। गुरूवार के बुलेटिन में उदयपुर न्यूज ने सत्तुबाई की दुख भरी कहानी से आप सभी को रूबरू करवाया था, ऐसे में हमारे पास काफी फोन भी सत्तुबाई को इंसाफ दिलाने के लिए आए और सभी ने न्यूज प्रसारित करने पर आभार भी जताया, लेकिन कोई भी कैमरे के सामने नहीं आना चाहता था। सत्तुबाई के भुखण्ड पर दिलीप व्यास, पवन सिंह राजपूत और टोनी खटीक ने कब्जा करके अवैध रूप से बिजली कनेक्शन भी ले लिया है। सत्तुबाई के झेठ का कोई एग्रीमेंट होने की बात भी सामने आई है और उसी को जरिया बनाकर भुमाफियाओं ने इस भुखण्ड पर कब्जा कर लिया। लेकिन हकीकत तो सब जानते है कि भुखण्ड सत्तुबाई का ही है और उसे बेचने का पूरा अधिकार भी बुजुर्ग विधवा महिला का ही है। उदयपुर न्यूज के साथ बुजुर्ग महिला अपने भुखण्ड तो पंहुची, लेकिन ने वहां कोई नहीं था, भुखण्ड के बाहर दिलीप व्यास की निजी सम्पति होने की बात लिखी हुई थी और बिजली का कनेक्शन को बोर्ड भी लगा हुआ था। आपको बता देकि पहले दबंगों ने वृद्धा को भगा दिया था, खबर दिखाए जाने के बाद उदयपुर न्यूज ने बेदलावासियों से वृद्धा की मदद की अपील भी की थी, लेकिन कोई सामने नहीं आया। बेदलावासी इतने खौफ में क्यूं है, क्यूं वृद्धा की मदद को आगे नहीं आ रहे है यह सोचने वाली बात है। बहरहाल जनप्रतिनिधि फतहसिंह राठौड़ ने आगे आकर सत्तुबाई की मदद करने की जो बात कही है, वह तारिफे काबिल होने के साथ उन जनप्रतिनिधियों पर सवालिया निशान खड़ा करता है जो वोट मांगते समय तो हर संभव मदद की बात करते है और इस वृद्धा को हक दिलाने की बात जब आई तो मुहं में दही जमाकर बैठ गए।