कैप्टन शुभम जैन (महनोत) बने मेजर
1 min readउदयपुर: “अगर मंजिल की चाह हो, तो सपनों को हकीकत बनने से कोई नहीं रोक सकता” – इस कहावत को उदयपुर के न्यू अरविन्द नगर निवासी कैलाश और संगीता जैन के पुत्र शुभम जैन (महनोत) ने सही साबित कर दिखाया है। शुभम ने 30 वर्ष की आयु में भारतीय सेना में कैप्टन से मेजर बनकर जिले का नाम रोशन किया है।
शुभम ने वर्ष 2018 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई से प्रशिक्षण प्राप्त कर 24 वर्ष की उम्र में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद ग्रहण किया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी उदयपुर में ही हुई है। मेजर शुभम जैन (महनोत) मूलतः अजमेर जिले के टाड़गढ़ के निवासी हैं, जहां उनके दादा, स्वर्गीय सुआलाल मोहनोत ने अपना जीवन बिताया था।
शुभम के माता-पिता, कैलाश और संगीता जैन ने बताया कि उनका बेटा हमेशा से भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखता था और उसने अपनी मेहनत से इस लक्ष्य को हासिल कर लिया। कैप्टन रहते हुए, उन्होंने चीन सीमा के पास ड्यूटी निभाई और उनकी वीरता के लिए उन्हें वर्ष 2023 में भारतीय सेना दिवस पर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया था।
शुभम के बड़े भाई, कुशांक जैन, और भाभी, नेहा जैन ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनका छोटा भाई देश सेवा के लिए हमेशा समर्पित रहा है, और आज मेजर की उपाधि मिलने पर पूरा परिवार गर्व महसूस कर रहा है।
शुभम की कहानी प्रेरणा का स्रोत है और यह साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।