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शारदीय नवरात्रि आज से प्रारंभ हुई , माता के मंदिरों में भक्तों का रेला लगा दर्शन करने

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एक साल में नवरात्रि का पर्व चार बार आता है। इसमें 2 गुप्त नवरात्रि होती हैं। वहीं चैत्र और आश्विन मास में आने वाली नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। आश्विन मास में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा- अर्चना से जीवन की हर समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही माता के आशीर्वाद से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि आज से प्रारंभ हुई।

नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना या घट स्थापना का महत्व है।
शास्त्रों के अनुसार शारदीय नवरात्रि पर कलश की स्थापना आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को करने का विधान है। भीलवाड़ा जिले हरणी महादेव स्थित चामुंडा माता मंदिर , संतोषी माता मंदिर, बाबा धाम मंदिर , चौथ माता मंदिर , बंक्या राणी माता ,धनोप माता , पुर स्थित तिरंगा माता मंदिर , आवरी माता मंदिर, कालका माता मंदिर , चित्तौड़ जिले में जोगणिया माता मंदिर , जातला माता मंदिर, कालका माता मंदिर सहित भक्तों का रेला इस बार ज्यादा जुटने की संभावना है।

सभी माता के मंदिरों में 9 दिनों में पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। चामुंडा माता दर्शन करने आए श्रद्धालु सुरेश काष्ट ने बताया कि चामुंडा माता मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है। कष्टों को दूर करने वाली माता है । चामुंडा माता मंदिर के पुजारी भेरू जी ने बताया कि नवरात्रि के दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे । सुबह 4 बजे से ही भक्तों का रेला दर्शन करने आ रहा है।

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