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मुंबई अक्टूबर 2024: ज़ी सिनेमा इस वीकेंड चंदू चैंपियन के वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर के साथ मुरलीकांत पेटकर का बेमिसाल सफर लेकर आ रहा है – एक ऐसा इंसान जिसने अविश्वसनीय मुश्किलों को पार किया और ऐसी शख्सियत हासिल की जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है! कबीर खान द्वारा निर्देशित और कार्तिक आर्यन की दमदार एक्टिंग वाली यह फिल्म न सिर्फ इंसानी जज़्बे की जीत दर्शाती है बल्कि हौसले की सच्ची कहानियों को भी सलाम करती है। इस मौके पर कार्तिक आर्यन ने भारत के पहले
पैरालम्पिक स्वर्ण पदक विजेता की भूमिका निभाने की चुनौतियों, जीत और अपने अनुभव के बारे में खुलकर चर्चा की।
मुरलीकांत पेटकर का रोल निभाने की तैयारी के लिए मैंने अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पूरी तरह बदल दी। मुझे ऐसी डाइट लेनी पड़ी जो मेरे लिए अनजान थी और जिनका स्वाद हमेशा अच्छा नहीं होता था। यह मेरे जैसे खाने के शौकीन इंसान के लिए एक चैलेंज था। इसने न सिर्फ मेरे शरीर को बदला, बल्कि मुझे और ज्यादा ध्यानशील और सकारात्मक इंसान भी बनाया। मैंने लगभग 18 महीनों तक एक सख्त दिनचर्या का पालन किया, जिसमें मैंने पूरी लगन से मेहनत की और अपने कैलोरी इनटेक को एडजस्ट किया। शुरुआत में मुझे संघर्ष करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद मैंने अंततः इस अनुशासित जीवनशैली को अपनाया- समय पर खाना, समय पर सोना और नियमित रूप से जिम जाना। अपनी पिछली खाने की आदतों को छोड़ना कठिन था, लेकिन अब मैं इस नई दिनचर्या का आदी हो गया हूं, जो हमेशा स्वाद में अच्छी नहीं होती लेकिन मेरी पूरी सेहत पर सकारात्मक असर करती है।
चंदू चैंपियन के लिए ट्रेनिंग करना मेरे पहले के अनुभवों से बहुत अलग था, जिसमें तैराकी, मुक्केबाजी और कुश्ती सहित कई तरह के स्किल सेट्स की जरूरत थी। मुझे कुछ ख़ास चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि गहरे पानी के अपने डर पर काबू पाना क्योंकि मैं पेशेवर रूप से तैरना नहीं जानता था। अपनी बॉडी में इतना बड़ा बदलाव लाने के लिए बहुत धीरज और मानसिक संतुलन की जरूरत थी, क्योंकि मुझे बॉडी फैट का एक बड़ा हिस्सा कम करना था। यह बूट कैंप करीब 18 महीने तक चला और इसमें युद्ध और कुश्ती के सीन्स सहित रोल की शारीरिक मांगों के लिए कड़ी तैयारी शामिल थी। रोमांटिक और कॉमेडी फिल्मों में मेरे पिछले काम से अलग, इस रोल ने मुझे मेरे कम्फर्ट जोन से बाहर लाया, जिसमें उस तरह की लगन चाहिए थी जो मैंने पहले कभी नहीं देखी थी।
मैं एक ऐसा इंसान हूं जो वाकई बाहर से आया हूं और मेरे लिए इस तरह की भूमिका निभाना एक सपना है। मैं फिल्म की इस लाइन से जुड़ा हुआ हूं – ‘वो आदमी जिसने हार मानने से इनकार कर दिया’। इसलिए मेरे लिए यह वाकई ज़िंदगी की एक यादगार भूमिका निभाने जैसा था। इस भूमिका ने मुझे वो दृढ़ संकल्प और हौसला दिखाने का मौका दिया है जिसके लिए मैं हर दिन कोशिश करता हूं।
बहुत शानदार! उनका नजरिया और बारीकियों पर ध्यान देने की उनकी खूबी कमाल है। जब कबीर ने पहली बार मेरे साथ चंदू चैंपियन की कहानी शेयर की, तो मुझे बड़ी हैरानी हुई। मैंने खुद से यह भी पूछा कि क्या यह एक सच्ची कहानी है या महज़ एक ख्याल? भारत के पहले पैरालिंपिक गोल्ड मेडल विजेता और कभी हार न मानने वाले मुरलीकांत पेटकर का किरदार निभाना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। कबीर के पास अपने एक्टर्स से बेहतरीन एक्टिंग करवाने का बेमिसाल टैलेंट है, जो रचनात्मकता और टीमवर्क को प्रोत्साहित करते हैं। इस असरदार कहानी को सामने लाने में उनका मार्गदर्शन महत्वपूर्ण था।
मैं वाकई ये उम्मीद करता हूं कि दर्शक मुरलीकांत के सफर से प्रेरित महसूस करेंगे। यह फिल्म कभी हार न मानने के बारे में है, चाहे आपके सामने कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों। यह इस बात पर जोर देती है कि कामयाबी सिर्फ टैलेंट के बारे में नहीं है; यह कड़ी मेहनत, लगन और हौसले के बारे में है। मेरा मानना है कि हर किसी को अपनी लड़ाई लड़नी होती है, और अगर मुरलीकांत अपनी लड़ाई जीत सकता है, तो हम सब भी जीत सकते हैं। मैं चाहता हूं कि दर्शकों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए उम्मीद और प्रेरणा की भावना महसूस हो, चाहे सफर कितनी भी कठिन क्यों न हो।
देखिए चंदू चैंपियन का वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर, रविवार, 20 अक्टूबर को रात 8 बजे, ज़ी सिनेमा पर।