पांच हजार रूपए से मेरा क्या होगा, इतना तो मेरा कांस्टेबल भी नहीं लेता, पूरे 20 हजार रूपए देगा तो ही बजरी मेरे थाना क्षेत्र से निकाल पाएगा।
जीहां यह शब्द थे राजसमंद के खमनोर थानाधिकारी महेश चंद्र मीणा के, जिसने खातेदारी जमीन से बजरी दोहन करने के लिए 20 हजार रूपए की रिश्वत मांगी थी और पैसे लेने के बाद जैसे ही उदयपुर एसीबी की स्पेशल यूनिट थाने पर पंहुची तो रिश्वत खोर दरोगा घबरा गया और सिर पर हाथ रखकर बोला बहुत बड़ी गलती हो गई। बाद में टीम ने महेश की जेब से नोट निकालकर आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया। एसीबी के एएसपी सुरेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि निचली ओड़न निवासी मानसिंह ने चार जून को शिकायत दर्ज करवाई थी। एसीबी की टीम ने छह जून को इसकी पुश्टि के बाद मंगलवार देर शाम इस कार्रवाई को अंजाम दे दिया।