दो राज्यों के राज्यपाल ने की संयुक्त बैठक, 15 जिलों से जुड़ी समस्याओं पर हुआ मंथन।
1 min readशुक्रवार को राजस्थान और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों की समस्याएं और सीमा विवाद सहित अन्य प्रमुख मुद्दों को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह बैठक राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और मध्य प्राजस्थान और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में कई तरह की समस्याएं पिछले लंबे समय से चल रही है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए कई बार प्रयास हुए लेकिन कोई बड़ी सफलता नहीं मिली। ऐसे में भारत सरकार और प्रधानमंत्री की ओर से राज्यपालों से किए गए आव्हान के तहत आज उदयपुर में राजस्थान और मध्य प्रदेश के राज्यपालों ने संयुक्त रूप से बैठक की। इस बैठक में राजस्थान और मध्य प्रदेश के 15 जिलों से जुड़ी समस्याओं पर मंथन किया गया। यही नहीं बैठक के दौरान सीमावर्ती गांव के बीच में समन्वय, सरकार की योजनाओं का लाभ, अपराध नियंत्रण के लिए दोनों राज्यों की पुलिस द्वारा किए जा रहे कार्य, तस्करी रोकने के लिए किए जा रहे कार्यों पर भी चर्चा की गई। राज्यपाल कलराज मिश्र ने बताया कि बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए पूरी हुई। उदयपुर के संभागीय आयुक्त कार्यालय में करीब 3 घंटे तक चली इस बैठक में राजस्थान और मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने सभी जिला कलेक्टर और एसपी से प्रेजेंटेशन लिया और सीमावर्ती क्षेत्र में आ रही कठिनाइयों के बारे में जानकारी ली तो वही उन्हें दूर करने के बारे में सुझाव भी लिए। दरअसल सीमावर्ती क्षेत्रों में कई किसानों को काफी समस्याएं सामने आती है जिसमें कई ऐसे किसान हैं जो राजस्थान क्षेत्र में रहते हैं लेकिन उनकी खेती मध्यप्रदेश में होती है ऐसे में यह किसान राजस्थान सरकार की योजनाओं सहित मध्यप्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ भी नहीं ले पाते हैं। कुछ इसी तरह की समस्याओं पर इस बैठक में चर्चा की गई। यही नहीं आने वाले चुनाव में आदर्श आचार संहिता का पालन करने में दोनों राज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाए यह भी एजेंडे में शामिल किया गया था। हालांकि की बैठक के एजेंडे को पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं किया गया लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र और मंगू भाई पटेल ने संयुक्त रूप से मीडिया के सामने आकर बड़ी-बड़ी बातों को सार्वजनिक किया। माना जा रहा है कि इस बैठक के मार्फत लंबे समय से सीमाओं में चली आ रही विवादित स्थितियां दूर हो पाएगी। बैठक में दोनों राज्यों के राज्यपाल के अलावा 15 जिलों के संभागीय आयुक्त, आईजी, कलेक्टर और एसपी मौजूद रहे।