रिसरजेंस ऑफ बिजनेस ग्रोथ पोस्ट कोविड19: चैलेंजेस एंड स्ट्रेटेजीज’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का समापन ।
1 min read‘अब हवा ही करेंगी रोशनी का फैसला, जिस दिए में जान होगी वो दिया ही रह जायेगा’: प्रो पवन के सिंह
प्रबंध अध्ययन संकाय मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित ‘रिसर्जेंस ऑफ बिजनेस ग्रोथ पोस्ट कोविड 19: चैलेंजेस एवं स्ट्रेटेजीज विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का समापन दिनांक 09.05.2020 को दोपहर 12.15 पर हुआ।
समापन सत्र की अध्यक्षता मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन एस राठौड़ ने की। वेबिनार की ओर्गनइजिंग कमिटी के सदस्य तथा निदेशक आईक्यूऐसी, प्रोफेसर करुणेश सक्सेना ने कार्यक्रम के प्रारंभ में अध्यक्ष महोदय एवं अतिथियों का परिचय देते हुए उनका स्वागत किया।
समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय कुलपति प्रो एन एस राठौड़ ने बताया की यह बात निश्चित है की अब विश्व बदल गया है, और हर क्षेत्र में इस महामारी के प्रभाव की चर्चा की। प्रो राठौड़ ने पांच स्वरों से बने शब्दों के माध्यम से कोरोना से जीतने की युक्ति बताई।। आयोजन की प्रशंसा करते हुए करते हुए प्रो राठौड़ ने सकरत्मक्ता के साथ कार्य करने को आवश्यकता बताया तथा उन्होने कहा कि भविष्य में विद्यार्थियों के पास फॉर्सेड एंटरप्रेन्योरशिप के अलावा बहुत ज्यादा ऑप्शन नहीं रहेंगे। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रोडक्ट्स, तकनीक, मास्क एवम् सोसियल डिस्तंसिंग भविष्य में दैनिक जीवन का अंग होगी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर एमडीआई, गुडगाँव के निदेशक प्रो पवन कुमार सिंह ने कहा कि जिन व्यवसायों की बुनियाद मजबूत है उनके दुरुस्त रहने की पूरी संभावना है। उन्होंने व्यवसाय और अध्धयन के क्षेत्र में अल्पावधि-दीर्घकालिक योजना, आवश्यक-अनावश्यक वस्तुओं में भेद और आत्म अवलोकन की जरुरत बताई । मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो सिंह ने कहा कि इस महामारी के समय सभी के लिए भविष्य को सुधरने के लिए अपने आप को अनुकूल- लचीला बनाना होगा ।
समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि एजंपशन यूनिवर्सिटी, थाईलैंड में स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रो भूमिपत गिलितवाला ने सकारात्मक रहते हुए सात बिंदुओं के माध्यम से भविष्य में व्यवसाय और विपणन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इस महामारी से व्यवसाय को बचाने के लिए सूक्ष्म सूक्ष्म बातो से बड़े बड़े कार्य करने होंगे। सोच को बड़ा रखते हुए छोटे छोटे बिंदुओं पर कार्य करने महत्ता पर जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि त्रिभुवन यूनिवर्सिटी, नेपाल के प्रो राधे शंकर प्रधान ने बोलते हुए कहा कि सम्पूर्ण विश्व के साथ नेपाल भी इस कोविद वायरस से प्रभावित हुआ है तथा उन्होंने नेपाल में कोराना से उद्योग, सेवा तथा बैंकिंग पर प्रभाव पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के अन्त में वेबिनार के चेयर तथा प्रबन्ध अध्ययन संकाय के निदेशक प्रो हनुमान प्रसाद ने चारो सत्रों में में सर्वश्रेष्ठ शोधपत्रों की घोषणा की जिसकी सूची निम्न है-
सत्र 1: हर्बल उत्पादों के लिए उपभोक्ता व्यव्हार – डॉ एच के डाँगी और डॉ श्वेता मारवाह
सत्र 2: कोविड के मध्य कर्मचारी अवधारण की रणनीति – डॉ मारिया चेलेस्टिना रालफा आर एवं स्टेला बीट्रिस निर्मला
सत्र 3: COVID-19 के प्रकाश में निवेश की ओर व्यक्तियों की धारणा- डॉ अशोक गुप्ता, प्रज्ञा गौर एवं डॉ मीनू माहेश्वरी
सत्र 4: उद्यमियों पर लॉकडाउन का प्रभाव – डॉ ज्योति अचंता और डॉ शिल्पा सारस्वत
कार्यक्रम के अंत में अनतर्राष्ट्रीय वेबिनार के चेयर तथा एफएमएस के निदेशक प्रो हनुमान प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस वेबिनार को सफल बनाने के लिए सभी वरिष्ठ शिक्षाविदों, अतिथियों का, ओर्गनइजिंग समिति का, कर्मचारियों का आभार प्रकट किया।आभार प्रकट करने के साथ ही प्रो प्रसाद ने बताया की इस अंतरास्ट्रीय वेबिनार से प्राप्त समस्त रजिस्ट्रेशन राशि 48000 (अडतालीस हजार) मुख्य मंत्री कोविड सहायता कोष में जमा की जाएगी। जिसमे फैकल्टी ऑफ़ मैनेजमेंट स्टूडेंट्स एवम् संकाय के संकल्प ने भी चार हजार रुपए का योगदान दिया। इस समापन समारोह में प्रो अनिल कोठारी, प्रो मीरा माथुर, डा अविनाश पंवार, डा पारस कोठारी, मनोज कुमावत, देवेन्द्र मेघवाल, रानू नागोरी, ट्विंकल जैन, स्वाति बंडी, श्रेया जैन के अतिरिक्त दो सौ से भी ज्यादा अकादमिक जगत की हस्तियों एवम् शोधार्थियों ने ऑनलाइन शिरकत की।
समापन समारोह से पूर्व प्रातः 9.30 बजे से दो सामानांतर तकनीकी सत्रो का आयोजन किया गया । देश में कोरोना इमरजेंसी को धयान मैं रखते हुए, सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर सेंटर के माध्यम से , सत्र सञ्चालन एवं समापन समारोह का संचालन पूर्णतः ऑनलाइन किया गया।
तृतीय सत्र में कोविड-19 के बाद वित्तीय स्थिरता के लिए रणनीति पर चर्चा की गयी। सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रो. अनिल कोठरी ने वित्तीय स्थिरता के अलग अलग आयामों पर अपने विचार रखे। इस सत्र में मुख्य वक्ता सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के प्रो. संजय भयानि ने देश के लघु एवं मध्यम उद्योगों पर अपने विचार प्रस्तुत किये।। इस सत्र के समन्वयक डॉ पारस कोठरी एवम् रेपर्टियर श्रेया सिंघवी थी । इस सेशन में कुल 45 शोध पत्र पढ़े गए। इनमें प्रमुख शेयर कीमतों एवं आईपीओ पर महामारी का प्रभाव, सकल घरेलू उत्पाद पर कोविड -19 का प्रभाव, निवेश की ओर धारणा एवम् कोविड मंदी या तेजी इत्यादि पर पत्रवाचन हुआ।
चतुर्थ सत्र: कोविड 19 के बाद व्यापार करने के बदलते प्रतिमान पर हुआ जिसकी अध्यक्ष्ता डॉ अविनाश पंवार ने की। इसमें मुख्य वक्ता खुलाना यूनिवर्सिटी, बांग्लादेश के प्रो नूर उन नबी थे। इस सत्र की समन्वयक डॉ सुमंगला राठौड़ एवं रेपर्टियर डॉ स्वाति बंडी थी। इस सत्र में लोक डाउन का व्यवसाय पर प्रभाव , मध्यम एवं लघु वर्ग उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए रणनीतियों पर एक अध्ययन पर शोध पत्र पढ़े गए। सत्र में कुल 35 शोध पत्रों का वाचन हुआ ।