स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम अमरपुरोधा थे प्रताप : प्रो. माथुर !
1 min readउदयपुर 09 मई – मातृभूमि की रक्षा व स्वतंत्रता की भावना से ओत प्रोत प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप देश के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में प्रथम अमर पुरोधा है जिन्होंने आजादी के लिए जंगलो मैं रहकर मेवाड़ भूमि को स्वतंत्र रखते हुए भावी पीढ़ी मैं आजादी के बीज बो दिए | उक्त विचार मेवाड़ इतिहास परिषद् के अध्यक्ष इतिहासकार प्रोफेसर गिरीश नाथ माथुर ने देश भर मैं मनाई जा रही वीर शिरोमणि महारणा प्रताप की पावन जयंती के अवसर पर वैश्विक महामारी एवं लॉक डाउन के चलते परिषद् द्वारा आयोजित “महाराणा प्रताप कालीन मेवाड़” विषयक ऑनलाइन संगोष्ठी की अद्यक्षता करते हुए व्यक्त किये| उक्त जानकारी परिषद् के संयोजक शिरीष नाथ माथुर ने दी | संगोष्ठी में परिषद् के महा सचिव डॉ मनोज भटनागर ने प्रताप कालीन दुर्गो के सामरिक महत्व को बताते हुए ऐतिहासिक धरोहरों में आवरगढ़ (कमलनाथ) के संरक्षण पर जोर दिया| उपभोक्ता अधिकार संगठन की प्रदेश अध्यक्षा राजश्री गाँधी ने प्रताप के आदर्शो को आत्मसात करने पर बल दिया | डॉ जम्नेश कुमार ओझा,डॉ राजेंद्र नाथ पुरोहित,डॉ संगीता भटनागर ने प्रताप कालीन मेवाड़ की परिस्थियों पर जानकारी दी |