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दिव्यांग व निर्धन जोड़ों को मिली खुशियों की सौगात

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नारायण सेवा संस्थान का नि:शुल्क दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह समारोह


नारायण सेवा संस्थान द्वारा स्मार्ट विलेज बड़ी में रविवार को आयोजित हुए 33वें भव्य विशाल नि:शुल्क दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से आए 51 जोड़े पारम्परिक रस्मो रिवाज से सात जन्मों के बंधन में बंधे। नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक कैलाश ‘मानव’, सह संस्थापिका कमलादेवी अग्रवाल, अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, निदेशक वंदना अग्रवाल एवं शहर के गणमान्य नागरिकों ने आशीर्वाद प्रदान किया। उल्लेखनीय है कि पिछले 19 वर्षों में नारायण सेवा संस्थान ने दिव्यांग और अभावग्रस्त जोड़ों के लिए 32 सामूहिक विवाह समारोहों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है।

शुभ मुहूर्त में विवाह समारोह की रस्मों की हुई शुरुआत । दूल्हों ने तोरण की रस्म अदा की। इसके बाद विवाह स्थल पर बने विशाल पांडाल में देशभर से आए सैंकड़ों लोगों की मौजूदगी में वरमाला एवं आशीर्वाद समारोह हुआ। इसमें पांच जोड़ों ने हाइड्रोलिक स्टेज पर तो बाकी ने स्टेज पर बारी-बारी से एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। जोड़ों में कोई दूल्हा दिव्यांग था, तो कोई दुल्हन, तो कोई दोनों मगर सबका उत्साह देखते ही बना। विवाह के पारम्परिक व फिल्मी गीतों व धुनों पर पूरा पांडाल ही थिरक उठा। इससे पूर्व अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, निदेशक वंदना अग्रवाल डोली में दुल्हन को लेकर पहुंचे तो पूरा पांडाल ही थिरक उठा।

वरमाला के बाद विवाह स्थल पर ही तैयार वेदियों पर मुख्य आचार्य के मार्गदर्शन में विवाह की सभी रस्में विधि-विधान के साथ संपन्न हुईं। वर-वधुओं को आशीर्वाद प्रदान करने अहमदाबाद, गाजियाबाद, जोधपुर, इंदौर, आगरा, नागपुर, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पूना, राजकोट, देहरादून, पटना, बड़ौदा गुडग़ांव, सहित देश के कई राज्यों व शहरों से संस्थान के सहयोगी एवं अतिथिगण पधारे।

समारोह में ट्रस्टी देवेंद्र चौबीसा, जगदीश आर्य, संयोजक गौरव शर्मा, दल्लाराम पटेल, राहित तिवारी आदि विभिन्न व्यवस्थाओं में सहभागी बने। इससे पूर्व आर्टिफिशियल लिम्ब वितरण समारोह में 51 दिव्यांगजनों को विभिन्न उपकरण वितरित किए गए।

विदाई पर भर आई आंखें – शादी की खुशियों के बीच जब दिव्यांग बहनों की विदाई की वेला आई तो पांडाल में मौजूद सभी लोागें की आंखों से आंसू छलक आए। दूल्हनों को डोली में बिठाया गया। परिजनों, मित्रों के साथ ही धर्म माता-पिता ने मंगल आशीष के साथ बेटियों को विदा किया। परिजनों ने नारायण सेवा संस्थान परिवार का आभार जताया। संस्थान की ओर से सभी जोड़ों को उनके गांव, शहर में स्थित निवास स्थान तक छोडऩे के लिए विशेष बस, कार व अन्य वाहनों की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। जोड़ों को गृहस्थी का सामान दिया गया। दानदाताओं की ओर से भी उपहार दिए गए।

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